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Diwali 2022 : CM भूपेश बघेल पहुंचे गोल बाज़ार, स्थानीय कुम्हारों से की दिये और मटकी की खरीदी

naveen sahu
22 Oct 2022 1:09 PM GMT
Diwali 2022 : CM भूपेश बघेल पहुंचे गोल बाज़ार, स्थानीय कुम्हारों से की दिये और मटकी की खरीदी
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रायपुर। Diwali 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज गोल बाज़ार पहुंचे। जहाँ उन्होंने दिवाली की खरीददारी की। वहीं स्थानीय कुम्हारों से दिये और मटकी भी खरीदे। वहां के लोगों ने CM का लौंग-इलायची खिला कर स्वागत किया। दुकान से दिवाली पूजन की सामग्री एवं गुजराती मिष्ठान भंडार पहुँच मुख्यमंत्री ने मिठाई की भी खरीदी की। …

रायपुर। Diwali 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज गोल बाज़ार पहुंचे। जहाँ उन्होंने दिवाली की खरीददारी की। वहीं स्थानीय कुम्हारों से दिये और मटकी भी खरीदे। वहां के लोगों ने CM का लौंग-इलायची खिला कर स्वागत किया। दुकान से दिवाली पूजन की सामग्री एवं गुजराती मिष्ठान भंडार पहुँच मुख्यमंत्री ने मिठाई की भी खरीदी की।

इसके पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में दीपावली की सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप आज धनतेरस पर अपने निवास के द्वार पर धान की झालर बांधने की रस्म पूरी की।

दीपावली के दौरान खेतों में जब नयी फसल पककर तैयार हो जाती है, तब ग्रामीण धान की नर्म बालियों से कलात्मक झालर तैयार करते हैं। इनसे घरों की सजावट कर वे अपनी सुख और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें पूजन के लिए आमंत्रित करते हैं।

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ऐसा लोक विश्वास है कि उनका यह आमंत्रण उन चिड़ियों के माध्यम से देवी तक पहुंचता है, जो धान के दाने चुगने आंगन और द्वार पर उतरती हैं। इस तरह प्रदेश की लोक-संस्कृति अपनी खुशियों को प्रकृति के साथ बांटती है और उसे सहेजती है। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक धान की झालर घर के आंगन और द्वार पर लटकाए जाने की परंपरा है। जिसे पहटा अथवा पिंजरा भी कहा जाता है।

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