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मृत्यु से पहले अगर सामने हो ये चीज़ तो नहीं पड़ती श्राद्ध की जरूर, मृत आत्मा जाती है सीधे स्वर्ग...
नई दिल्ली, Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू हो चुका है. जो 25 सितंबर 2022 तक चलेगा. श्राद्ध पक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं, ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए 15 दिन तक तर्पण, पिंडदान और दान करना चाहिए. मान्यता है जो उनकी मृत्यु …
नई दिल्ली, Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू हो चुका है. जो 25 सितंबर 2022 तक चलेगा. श्राद्ध पक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं, ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए 15 दिन तक तर्पण, पिंडदान और दान करना चाहिए. मान्यता है जो उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म करता है उसकी जीवन की समस्त समस्या खत्म हो जाती हैं ऐसा कहा जाता हैं कि श्राद्धपक्ष में तर्पण और पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग प्राप्त होता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि किसी मरते हुए इंसान के पास ये चीजें हों तो स्वर्ग जाने के लिए श्राद्धकर्मों की आवश्यकता नहीं रहती है.
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तुलसी-
घर में रखा तुलसी का पौधा तीर्थरूपी होता है. ऐसा कहते हैं कि जो इंसान तुलसी की मंजरी से युक्त होकर प्राण त्यागता है, वो कभी यमलोक नहीं जाता है. यदि मरने वाले को तुलसी के पास लेटा दिया जाए, उसके मुंह और माथे पर तुलसी के पत्ते और मंजरियों को रख दिया जाए तो इंसान सीधी परलोक सिधारता है.
गंगाजल-
गरुड़ पुराण के अनुसार, जब इंसान की मृत्यु का समय नजदीक आ जाए तो उसके मुंह में थोड़ा सा गंगाजल डाल देना चाहिए. विष्णु जी के कमल चरणों से निकली गंगा पापों का नाश करती है और पापों का नाश होते ही इंसान को बैकुण्ठ प्राप्त करने का अधिकार मिल जाता है. इसीलिए गंगा में अस्थियों को विसर्जित किया जाता है. जब तक ये अस्थियां गंगा में रहती हैं, इंसान तब तक स्वर्ग का सुख भोगता है.
तिल-
श्राद्धपक्ष में तिल का विशेष महत्व बताया गया है. तिल भगवान विष्णु के पसीने से उत्पन्न होने के कारण पवित्र होता है. इसलिए जब भी किसी इंसान की मृत्यु का समय निकट आ जाए तो उसके हाथ से तिल का दान जरूर करवा देना चाहिए. तिल का दान बहुत बड़ा दान माना जाता है. यह दान करने पर असुर, दैत्य और दानव दूर ही रहते हैं. मरने वाले के सिरहाने हमेशा काले तिल रखने चाहिए.
कुश-
सनातन धर्म में कुश का विशेष महत्व बताया गया है. कुश एक प्रकार की घास होती है. इसके बिना ईश्वर की पूजा भी अधूरी है. शास्त्रों के अनुसार, कुश भगवान विष्णु के रोम से उत्पन्न हुई है. मृत्यु के समय उस इंसान को कुश का आसन बिछाकर लेटा देना चाहिए. इसके बाद उसके माथे पर तुलसी का पत्ता रख दें. ऐसा कहते हैं कि यदि किसी इंसान के मरने से पहले ये उपाय कर लिए जाएं तो श्राद्धकर्म के बिना ही उसे स्वर्ग में स्थान मिल जाता है.
टीप :- इस खबर में दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है, TCP 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है, अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट ज्योतिषी से सलाह ले.