Taaj Mahal : ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियां तुरंत रोकें- सुप्रीम कोर्ट…
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में किसी भी तरह की व्यवसायिक गतिविधि को तत्काल प्रभाव से रोक दे। जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका ने आगरा विकास प्राधिकरण से कहा कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि 17वीं शताब्दी में बने सफेर संगमर्मर की इस इमारत को लेकर कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसका पालन हो.
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने अपने आदेश में कहा है, ‘हम आवेदन में की गई प्रार्थना को स्वीकार करते हैं। हम आगरा विकास प्राधिकरण को स्मारक ताजमहल की सीमा या दीवार से 500 मीटर के भीतर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश देते है।
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पीठ ने न्याय मित्र वरिष्ठ वकील एडीएन राव की दलीलों को रिकॉर्ड में लिया कि ताजमहल के पास सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी करना संरक्षित स्मारक के हित में होगा। राव ने बताया कि शीर्ष अदालत ने मई 2000 में भी इसी तरह का आदेश जारी किया था लेकिन लंबा समय बीतने के मद्देनजर निर्देश को दोहराना उचित है। पीठ ने राव से सहमति जताई।
शीर्ष अदालत का यह आदेश दुकान मालिकों के एक समूह के आवेदन पर आया है, जिन्हें 500 मीटर के दायरे से बाहर जगह आवंटित की गई है। आवेदकों की ओर से पेश वकील एमसी ढींगरा ने स्मारक के पश्चिमी द्वार के पास पिछले अदालत के आदेश के घोर उल्लंघन की शिकायत की। उनका कहना था कि अवैध व्यावसायिक गतिविधियां अब भी स्मारक के 500 मीटर के दायरे में फल-फूल रही हैं।
