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Project Cheetah : स्पेशल विमान से नामीबिया से आ रहे 8 चीते, कल रखेंगे भारत के भूमि पर कदम, देखें एक झलक...
नई दिल्ली : देश में चीता के प्रजाति विलुप्त के करार पर है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नामीबिया से 8 चीते लाए जा रहे है। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर ये 8 चीते भारत के भूमि पर पहुंचेंगे। ये सभी चीते को स्पेशल विमान से …
नई दिल्ली : देश में चीता के प्रजाति विलुप्त के करार पर है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नामीबिया से 8 चीते लाए जा रहे है। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर ये 8 चीते भारत के भूमि पर पहुंचेंगे। ये सभी चीते को स्पेशल विमान से बी 747 से भारत लाया जाएगा। जो की भारत से नामीबिया भेजी गई है। 70 सालों के बाद भारत आ रहे हैं.
ये सभी चीते 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन भारत पहुंचेंगे. भारत पहंुचने से पहले नामीबिया से इन 8 चीतों का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में ये चीते बैठे हुए नजर आ रहे है। यह वीडियो जमकर सोशल मीडिया वायरल हो रहा है।
#WATCH | First look of Cheetahs that will be brought from Namibia to India on 17th September at KUNO National Park, in Madhya Pradesh pic.twitter.com/HOjexYWtE6
— ANI (@ANI) September 16, 2022
बता देें कि भारत सरकार ने 1952 में देश में चीतों को विलुप्त करार दिया था. कि 17 सितंबर को इन सभी चीतो को मध्यप्रदेश के कुनी राष्ट्रीय उद्यान में छोडे़ जाएंगे।यह सभी चीते कल भारत के भूमि पर कदम रखेंगे। आखिरी बार चीता छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल वन में 1948 में आखिरी बार चीता देखा गया था. जानकारी के मुताबिक भारत ने 1970 के दशक से ही इस प्रजाति को फिर से देश में लाने के प्रयास शुरू कर दिए थे और इसी दिशा में उसने नामीबिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. जिसके बाद नामीबिया ने भारत को आठ चीते दान में दिए हैं. इन चीतों को इस साल की शुरुआत में हुए समझौता ज्ञापन के तहत एक स्पेशल बी747 फ्लाइट से नामीबिया की राजधानी विंडहोक से लाया जा रहा है.
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प्रोजेक्ट चीता के फायदे
पीएमओ ने एक बयान में बताया था कि भारत में चीता को फिर से बसाने को काम प्रोजेक्ट चीता के माध्यम से किया जा रहा है। जो बड़े जंगली मांसाहारी जानवर के अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण से जुड़ी दुनिया की पहली परियोजना है. ये चीते भारत में खुले जंगल और घास के मैदान की पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने में मदद करेगा। यह प्रोजेक्ट जैव विविधता के संरक्षण में मदद करने के साथ जल सुरक्षा कार्बन अवशोषण व मिटटी की नमी को संरक्षण करेगा।
चीतों की खाली पेट उड़ान
भारतीय वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था ये सभी चीतों को हवाई यात्रा के दौरान खाली पेट रहना होगा। लंबी दूरी के यात्रा में यह एहतियात बरतना आवयश्क है। वहीं विमान को चीतें के तस्वीर के साथ पेंट किया गया है। बता दें कि विमान की उड़ान क्षमता अधिक है। इसलिए यह ईधन भरवाने के लिए बिना कहीं रुके नामीबिया से भारत आ सकता है।