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Pitru Paksha 2022 : पितृपक्ष में इन चीज़ों का दान करना बिल्कुल न भूल, नहीं तो रूठ जाएंगे पूर्वज...

Sharda Kachhi
15 Sep 2022 1:58 AM GMT
Pitru Paksha 2022
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नई दिल्ली, Pitru Paksha 2022 : पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू हो चुका है. जो 25 सितंबर 2022 तक चलेगा. श्राद्ध पक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं, ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए 15 दिन तक तर्पण, पिंडदान और दान करना चाहिए. मान्यता है जो …

Pitru Paksha 2022

नई दिल्ली, Pitru Paksha 2022 : पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू हो चुका है. जो 25 सितंबर 2022 तक चलेगा. श्राद्ध पक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं, ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए 15 दिन तक तर्पण, पिंडदान और दान करना चाहिए. मान्यता है जो उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म करता है उसकी जीवन की समस्त समस्या खत्म हो जाती हैं. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितरों के लिए किए जाने वाले पिण्डदान, तर्पण आदि से प्रसन्न होकर पितर अपनी कृपा बरसाते हैं, लेकिन यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश इस क्रिया को कर पाने में असमर्थ हो तो वह दान के माध्यम से इसका पुण्य फल प्राप्त कर सकता है. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान श्रद्धा के अनुसार दान करने पर पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. तो आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में किन चीजों का दान करने से पितृ खुश होंगे और अपना आशीर्वाद देंगे-

गोदान

हिंदू धर्म में गाय का बहुत महत्व है. मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 कोटि देवताओं का वास होता है. सनातन परंपरा के अनुसार गाय किसी भी आत्मा को वैतरणी नदी पार कराने में सक्षम होती है. यही कारण है कि पूजा-पाठ के तमाम मौकों पर गाय के दान करने की परंपरा है. पितृपक्ष के दौरान गाय का दान महादान माना गया है, जिसे श्रद्धा के साथ किसी योग्य ब्राह्मण को दान करने पर पितरों को मोक्ष मिलता है.

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अन्न दान

कलयुग में अन्नदान की गिनती महादान में होती है. ऐसे में पितृपक्ष के दौरान ब्राह्मण या फिर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न का दान अवश्य करें, लेकिन ध्यान रहे कि इस दान को करते समय आपके मन में जरा सा भी अभिमान न आने पाए. मान्यता है कि पितृपक्ष में अन्नदान से प्रसन्न होकर वंश में वृद्धि करते हैं.

तिल दान

पितरों के लिए की जाने वाली पूजा में तिल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. मान्यता है कि तिल के बगैर पितरों को दिया गया जल उन्हें नहीं प्राप्त होता है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति किसी कारण विधि-विधान से श्राद्ध न कर पाए तो वह एक मुट्ठी तिल का दान करके उसका पुण्यफल प्राप्त कर सकता है.

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घृत दान

आश्विन मास में घी का दान बहुत ज्यादा पुण्यदायी माना गया है. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान जो व्यक्ति अपने पितरों के निमित्त गाय के शुद्ध घी का दान करता है, उसे पितरों का पूरा आशीर्वाद मिलता है. ध्यान रहे कि पितृपक्ष के दौरान गाय के दूध से बने घी का ही दान करना चाहिए.

नमक दान

जिस नमक के बगैर कोई भी भोजन परिपूर्ण नहीं होता है, उसे पितृपक्ष में अन्न के साथ जरूर दान करना चाहिए. मान्यता है कि नमक का दान करने से न सिर्फ पितरों के कर्ज से बल्कि नकारात्मक ऊर्जा से भी मुक्ति मिल जाती है.

टीप :- इस खबर में दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है, TCP 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है, अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट या ज्योतिषी से सलाह ले.

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