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छत्तीसगढ़ को मिली नई पहचान, रावघाट से भिलाई इस्पात संयंत्र भेजी गई लौह अयस्क की पहली खेप, अंतागढ़ से BSP के लिए देर शाम रवाना हुई मालगाड़ी...

Sharda Kachhi
11 Sep 2022 4:48 AM GMT
छत्तीसगढ़ को मिली नई पहचान, रावघाट से भिलाई इस्पात संयंत्र भेजी गई लौह अयस्क की पहली खेप, अंतागढ़ से BSP के लिए देर शाम रवाना हुई मालगाड़ी...
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कांकेर। देश में छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान मिल गई हैं। दरअसल रावघाट परियोजना आज विधिवत अस्तित्व में आ गई है। रावघाट से लौह अयस्क की पहली खेप भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के लिए भेजी गई। अंतागढ़ से भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए मालगाड़ी आज देर शाम रवाना हुई। इस दौरान देव माइनिंग कंपनी …

कांकेर। देश में छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान मिल गई हैं। दरअसल रावघाट परियोजना आज विधिवत अस्तित्व में आ गई है। रावघाट से लौह अयस्क की पहली खेप भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के लिए भेजी गई। अंतागढ़ से भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए मालगाड़ी आज देर शाम रवाना हुई। इस दौरान देव माइनिंग कंपनी (DEV MINING COMPANY) से सुमीत लोधा (SUNIL LODHA) और सौरभ लोधा (SAURABH LODHA) मौजूद रहे।

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बता दें कि परीक्षण के लिए पहली खेप भेजी गई। इस परियोजना के प्रारंभ हो जाने से छत्तीसगढ़ के प्रमुख इस्पात संयंत्र भिलाई को एक नया जीवन मिलेगा। वहीं रावघाट परियोजना के लिए नई रेलवे लाइन का भी निर्माण किया जा रहा हैं। जो इस परियोजना को सुचारु रूप से चलाने के लिए और अधिक बल देगा।

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