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Parivartini Ekadashi : इस दिन पड़ रहा परिवर्तिनी एकादशी, व्रत रख करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, वामन रूप में बरसाएंगे अपनी कृपा...

Sharda Kachhi
5 Sep 2022 2:20 AM GMT
Parivartini Ekadashi
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नई दिल्ली : भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी को जलझूलनी या परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। और इस बार ये व्रत 6 सितंबर, मंगलवार को पड़ रहा है। और ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान योग निद्रा के दौरान करवट लेते …

Parivartini Ekadashi

नई दिल्ली : भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी को जलझूलनी या परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। और इस बार ये व्रत 6 सितंबर, मंगलवार को पड़ रहा है। और ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान योग निद्रा के दौरान करवट लेते हैं, इसलिए इसको परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार कुछ जगहों पर ये दिन भगवान श्रीकृष्ण की जन्म के बाद होने वाला मांगलिक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है।

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व्रत की विधि

इस एकादशी व्रत का नियम दशमी तिथि की रात से ही शुरू हो जाता है। एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले ही नहाना चाहिए। फिर साफ कपड़े पहनकर भगवान वामन या विष्णुजी की मूर्ति के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान वामन की पूजा विधि-विधान से करें। हो सके तो उपवास करें। उपवास में अन्न नहीं खाएं और एक वक्त फलाहार कर सकते हैं।

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परिवर्तिनी एकादशी व्रत का महत्व

विष्णु धर्मोत्तर पुराण का कहना है कि विधि-विधान से परिवर्तिनी एकादशी व्रत करने वाले को वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा है कि इस एकादशी पर व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु, शिव और ब्रह्मा यानी त्रिदेवों की पूजा का फल मिल जाता है। ये व्रत हर तरह की मनोकामना पूरी करने वाला माना जाता है।

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