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NCRB की रिपोर्ट : भारत में सुसाइड करने वाला हर चौथा व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर, अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
New Delhi : NCRB की रिपोर्ट भारत में साल 2021 के दौरान होने वाली मौत का आंकड़ा हाल में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो NCRB ने अपनी जारी किए गए रिपोर्ट में बताया है। ‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया’ (Accidental Deaths and Suicides in India) रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते साल 2021 …
New Delhi : NCRB की रिपोर्ट भारत में साल 2021 के दौरान होने वाली मौत का आंकड़ा हाल में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो NCRB ने अपनी जारी किए गए रिपोर्ट में बताया है।
‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया’ (Accidental Deaths and Suicides in India) रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते साल 2021 में 1,64,033 लोगों की मौत सुसाइड करने से हुई। रिपोर्ट में बड़ी बात जो नमिकाल कर सामने आ आई वह यह की इसमें दिहाड़ी मजदूरों की सुसाइड का हिस्सा एक चौथाई रहा। यानी पिछले साल देश में आत्महत्या करने वाला हर चौथा व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर था।
एनसीआरबी (NCRB) ने सुसाइड के डेटा को 9 प्रोफेशन के ग्रुप में बांटा है- स्टूडेंट, पेशेवर/सैलरी वाले लोग, रोजाना कमाई करने वाले जैसे- दिहाड़ी मजदूर, रिटायर लोग, बेरोजगार, खुद का रोजगार करने वाले, हाउस वाइफ, कृषि क्षेत्र में लगे लोग और अन्य व्यक्ति।
आंकड़ों में दिहाड़ी मजदूर सर्वाधिक - NCRB की रिपोर्ट
साल 2021 की सुसाइड से होने वाली मौतों के आंकड़ों में दिहाड़ी मजदूर रोज कमाने खाने वाले लोगों में सबसे बड़ा ग्रुप रहा। 42,004 दिहाड़ी मजदूरों की सुसाइड से मौत हुई, जो कि कुल सुसाइड का 25.6 फीसदी है।
देश में साल 2020 में 1,53,052 सुसाइड के मामले दर्ज किए गए थे। इसमें दिहाड़ी मजदूरों के सुसाइड के 37,666 मामले थे, जो कि कुल सुसाइड का 24.6 फीसदी है। साल 2019 में यानी कोविड काल से पहले देश में सुसाइड से मौत के 1,39,123 मामले दर्ज किए गए। इसमें दिहाड़ी मजदूरों की संख्या 32,563 थी, जो कि कुल सुसाइड का 23.4 प्रतिशत है।
खुद का रोजगार करने वालों ने ज्यादा आत्महत्या की - NCRB की रिपोर्ट
वहीं ‘अपना खुद का रोजगार करने वाले’ ग्रुप में सुसाइड से मौत के मामलों में सबसे ज्यादा 16.73 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस ग्रुप में साल 2021 में 20,231, 2020 में 17,332 और 2019 में 16,098 सुसाइड से मौत के मामले दर्ज किए गए. देश के कुल सुसाइड में ‘अपना रोजगार करने वाले व्यक्तियों’ की हिस्सेदारी में भी बढ़ोतरी हुई है. ये हिस्सेदारी 2021 में 12.3 प्रतिशत हो गई, जो कि एक साल पहले 11.3 प्रतिशत थी.
2021 वर्ष के सुसाइड डेटा के हाउसवाइफ और स्टूडेंट कैटेगरी में सुसाइड में वृद्धि हुई है। जहां हाउसवाइफ कैटेगरी में सुसाइड के मामलों की संख्या 2020 में 22,374 से 3.6 फीसदी बढ़कर 2021 में 23,179 हो गई। वहीं स्टूडेंट सुसाइड की संख्या 13,089 दर्ज की गई, जो 2020 में 12,526 थी. वहीं 2021 में रिटायर्ड लोगों की सुसाइड की संख्या 1,518 रही, जबकि ‘अन्य व्यक्तियों’ की कैटेगरी में 23,547 सुसाइड दर्ज की गईं।
सर्वाधिक सुसाइड से मौत के मामले वाले राज्य - NCRB की रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में सुसाइड के सबसे अधिक 22,207 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। इसके बाद तमिलनाडु में 18,925, मध्य प्रदेश में 14,956, पश्चिम बंगाल में 13,500 और कर्नाटक में 13,056 मामले दर्ज किए गए। केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में सबसे ज्यादा 2,840 सुसाइड के मामले सामने आए।
रिपोर्ट के अनुसार, सुसाइड की दर (यानी प्रति एक लाख जनसंख्या पर सुसाइड की घटनाएं) 12 दर्ज की गईं। साल 2020 में सुसाइड की दर 11.3 थी और 2019 में 10.4 थी।