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Rahul Gandhi ने Pegasus मामले में मोदी और केंद्र पर कसा तंज, कहा - लोकतंत्र को कुचलना चाहती है सरकार
New Delhi : Rahul Gandhi पेगासस मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र की सरकार को लेकर के निशाना साधा है. राहुल (Rahul Gandhi) ने ट्वीट लिख कहा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार लोकतंत्र को कुचलना चाहती है. इतना ही नहीं …
New Delhi : Rahul Gandhi पेगासस मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र की सरकार को लेकर के निशाना साधा है. राहुल (Rahul Gandhi) ने ट्वीट लिख कहा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार लोकतंत्र को कुचलना चाहती है. इतना ही नहीं उन्होंने सरकार और पीएम मोदी के गठित कमेटी के साथ असहयोग पर भी संदेह व्यक्त किया है कि सरकार के पास कुछ बहुत बड़ा है जिसे वह छुपाना चाहते हैं.
राहुल (Rahul Gandhi) ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘पीएम और उनकी सरकार का सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त की गई कमेटी के साथ असहयोग से साफ है कि उनके पास कुछ बहुत बड़ा है जो वह छुपाना चाहते हैं और लोकतंत्र को कुचलना चाहते हैं.’
सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई है जिसमें जस्टिस आरवी रविंद्रन समिति की ओर से पीठ के समक्ष रिपोर्ट दाखिल की गई है. सीजेआई एनवी रमन की बेंच ने रिपोर्ट पर गौर किया. इस दौरान वकील कपिल सिब्बल ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की जिस पर सीजेआई ने इनकार कर दिया. हालांकि सीजेआई ने कहा कि समिति की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाएगा.
PM and his govt’s non-cooperation with the SC appointed committee is an acceptance that they had something deeper to hide and want to crush democracy. #Pegasus
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 25, 2022
1 महीने बाद होगी सुनवाई
सीजेआई ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई एक महीने बाद की जाएगी. उन्होंन कहा कि केंद्र सरकार ने समिति की जांच में सहयोग नहीं करने की बात भी की.
29 फोन का किया गया इस्तेमाल
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट पर गौर किया जाए तो टेक्निकल कमेटी को 29 मोबाइल फोन पेगासस के मामले में उपयोग होने के सबूत मिले हैं. इनमें से 5 मोबाइल मालवेयर से प्रभावित मिले हैं जो कि पेगासस था. इससे सबूत भी कमेटी के रिपोर्ट में दिए गए हैं.
रिपोर्ट को 3 भागों में सौंपा
सीजेआई ने कहा कि रिपोर्ट को तीन अलग-अलग भागों में सौंपा गया है. वहीं समिति ने सिफारिश की है कि कानून में बदलाव करके और सख्त बनाया जाए. साइबर सिक्योरिटी को और भी ज्यादा सेक्योर बनाई जाए. सीजेआई ने कहा है कि रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.