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Last Pradosh Vrat of August : इस दिन पड़ रहा अगस्त महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, जानें क्या है पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...
नई दिल्ली, LastPradosh Vrat of August : हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत ही शुभ और पुण्यदायी माना जाता है. सनातन परंपरा में इस पावन तिथि पर प्रदोष व्रत रखे जाने की परंपरा है, जिसे करने पर व्यक्ति को जीवन से जुड़े सभी सुख और सौभाग्य …
नई दिल्ली, LastPradosh Vrat of August : हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत ही शुभ और पुण्यदायी माना जाता है. सनातन परंपरा में इस पावन तिथि पर प्रदोष व्रत रखे जाने की परंपरा है, जिसे करने पर व्यक्ति को जीवन से जुड़े सभी सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत के बारे में मान्यता है कि इसे सही विधि से करने पर साधक को औढरदानी महादेव के साथ माता पार्वती की कृपा भी प्राप्त होती है. अगस्त माह का आखिरी प्रदोष व्रत 24 अगस्त 2022 को पड़ने जा रहा है. तो आइए प्रदोष व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व के बारे में जानते हैं.
शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि 24 अगस्त 2022 को प्रात:काल 08:30 से लेकर 25 अगस्त 2022 को प्रात:काल 10:37 बजे तक रहेगी, जबकि प्रदोष काल 24 अगस्त को सायंकाल 06:52 से रात्रि 09:04 बजे तक रहेगा. इस तरह लगभग दो घंटे तक रहने वाले प्रदोष काल में शिव साधक अपनी पूजा कर सकेंगे. चूंकि दिन विशेष पर पड़ने वाले प्रदोष व्रत का नाम उसी के नाम पर पड़ता है, ऐसे में यह बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा.
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पूजा विधि
साधक को त्रयोदशी तिथि पर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले भगवान शिव के लिए रखे जाने वाले प्रदोष व्रत को करने का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. प्रदोष व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिन में नहीं सोना चाहिए और पूरे दिन मन ही मन में ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जप करते रहना चाहिए. इसके बाद शाम के समय प्रदोष की विशेष शिव पूजा करने से पहले एक बार फिर स्नान करना चाहिए. शाम के समय भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते हुए प्रदोष व्रत की कथा का पाठ और आरती अवश्यक करना चाहिए.