Rakshabandhan Special : एक ऐसा गांव जहां बहने पेड़ो को बांधती है राखियां, लेती है उनके रक्षा का प्रण, जाने क्यों अलग अंदाज में मनाया जाता है रक्षाबंधन
जयपुर। Rakshabandhan Special देशभर में आज रक्षाबंधन का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधेगी और दीर्घायु और उन्नति की कामना के साथ आशीर्वाद देंगी। वही एक गांव ऐसा हैं जहाँ कुछ अलग अंदाज में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता हैं। दरअसल हम बात करा रहे …
जयपुर। Rakshabandhan Special देशभर में आज रक्षाबंधन का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधेगी और दीर्घायु और उन्नति की कामना के साथ आशीर्वाद देंगी। वही एक गांव ऐसा हैं जहाँ कुछ अलग अंदाज में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता हैं। दरअसल हम बात करा रहे हैं राजस्थान के राजसमंद जिले से 12 किलोमीटर दूर स्थित निर्मल ग्राम पंचायत पिपलांत्री की। साथ ही रक्षाबंधन से पहले यहां लड़कियां पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण बचाओ का संदेश देती हैं।
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25 सालों से चली आ रही प्रथा
रक्षाबंधन पर पेड़ों की राखी बांधने ही नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी यहां की महिलाएं रहती हैं। जिन महिलाओं ने यहां पौधे रोपे आज वह बीस से तीस फीट ऊंचाई के हो गए हैं। इस अनूठे रक्षाबंधन को लेकर यहां के ग्रामीण बताते हैं कि दो हजार से अधिक आबादी वाले इस गांव में बदलाव की कहानी लगभग 25 साल पहले शुरू हुई थी।
सरपंच ने शुरू की थी प्रथा
गांव के सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने इस प्रथा की शुरुआत की थी। इसके पीछे भी एक प्रेरणादायक कहानी हैं। दरअसल उनकी बेटी बहुत कम उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई थी। उन्होंने पौधा लगाना शुरू किया हैं। पौधा लगाया. अब उस पौधे में उन्हें अपनी बिटिया नजर आने लगी. सरपंच होने के नाते उन्होंने पौधारोपण को एक मुहिम बना दिया। गांव में किसी के यहां भी बेटी का जन्म होता तो पूरा गांव उत्सव की तरह बिटिया के नाम का पौधा लगाता हैं।
111 पौधे लगाने की परंपरा
इस गांव में बेटी के जन्म पर 111 पौधे लगाने की परंपरा शुरू हुई, किसी की मौत होती तो उसकी याद में 11 पौधे लगाए जाते हैं। बेटी जब बड़ी होती तो वह पौधे को राखी बांधती, बिटिया को पौधे में भाई नजर आता है।