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Airlines Ticket : 31 अगस्त से टिकट की कीमतें तय करने के लिए एयरलाइन होगी स्वतंत्र, सरकार करने जा रही है ये बड़ा बदलाव 

viplav
10 Aug 2022 1:28 PM GMT
Airlines Ticket : 31 अगस्त से टिकट की कीमतें तय करने के लिए एयरलाइन होगी स्वतंत्र, सरकार करने जा रही है ये बड़ा बदलाव 
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New Delhi : Airlines Ticket भारत में अबतक हवाई यात्रा के लिए टिकट की कीमतें भारत सरकार तय करती हुई आ रही थी, जिसे अब एयरलाइन करने के लिए स्वतंत्र होने जा रही है। सरकार कोरोना महामारी के दौरान लगाए एयर फेयर कैप को पूरी तरह से हटाने जा रही है। एयर फेयर की ऊपरी …

New Delhi : Airlines Ticket भारत में अबतक हवाई यात्रा के लिए टिकट की कीमतें भारत सरकार तय करती हुई आ रही थी, जिसे अब एयरलाइन करने के लिए स्वतंत्र होने जा रही है। सरकार कोरोना महामारी के दौरान लगाए एयर फेयर कैप को पूरी तरह से हटाने जा रही है। एयर फेयर की ऊपरी और निचली दोनों लिमिट को हटाया जा रहा है। यह 31 अगस्त से ये लागू कर दिया जाएगा।

फेयर कैप वर्तमान में 15 दिनों के साइकिल में रोलिंग बेसिस पर लागू है। यानी एयरलाइंस बुकिंग की तारीख से 15 दिनों की अवधि के बाद की टिकटों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं।

यात्रियों की बल्ले बल्ले, एयरलाइन दे सकती है टिकट पर छूट

सरकार द्धारा लगाए गए कैप को हटाए जाने के बाद से इंडिगो, स्पाइसजेट, एयर इंडिया, विस्तारा और नई एयरलाइन अकासा सहित अन्य को राहत मिलेगी। दरअसल, भारत डोमेस्टिक एयर ट्रैवल में स्ट्रॉन्ग रिबाउंड देख रहा है। यात्रियों की संख्या पूर्व-कोविड स्तरों को छू रही है। जिसके चलते एयरलाइंस का रेवेन्यू में बढ़ोतरी हो रही है।

फ्यूल डिमांड एनालिसिस के कैप हटाने का फैसला

सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, एयर टर्बाइन फ्यूल की डेली डिमांड और कीमतों का सावधानीपूर्वक एनालिसिस करने के बाद हवाई किराया कैप हटाने का निर्णय लिया गया है। कोरोना महामारी के कम होने के बाद से ही एयरलाइन्स डोमेस्टिक एयर फेयर के लिए प्राइस बैंड को हटाने की मांग कर रही थी। एयरलाइन्स का कहना था कि प्राइस कैप डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक की फुल फ्लेज्ड रिकवरी के लिए हर्डल की तरह है।

2 साल पहले लगा थाप्राइस कैप

कोरोना महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया था जिसके बाद 25 मई 2020 को सर्विसेज फिर से शुरू होने पर एविएशन मिनिस्ट्री ने फ्लाइट ड्यूरेशन के आधार पर एयर फेयर पर लोअर और अपर लिमिट लगा दी थी। ट्रैवल रेस्ट्रिक्शन के कारण आर्थिक रूप से संघर्ष कर रही एयरलाइनों की मदद करेने के लिए लोअर फेयर बैंड लाया गया था। अपर लिमिट इसलिए लगाई गई थी ताकि सीटों की मांग अधिक होने पर यात्रियों से ज्यादा किराया न वसूला जाए।

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