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RBI ने 8 सहकारी बैंकों पर लगाया जुर्माना, नियमों में ढिलाई करने पर हुई सख्त, पहले भी इन बैंकों पर हो चुकी है कार्रवाई...
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई नियमों के उल्लंघन के मामले में आठ सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है. गुजरात के मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. रिजर्व बैंक के अनुसार, मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक – …
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई नियमों के उल्लंघन के मामले में आठ सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है. गुजरात के मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. रिजर्व बैंक के अनुसार, मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक – जमा पर ब्याज दर) निर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया गया है. केंद्रीय बैंक ने सोमवार को बयान में कहा कि लोन से जुड़े कुछ प्रावधानों के उल्लंघन के लिए महाराष्ट्र के इंदापुर शहरी सहकारी बैंक, इंदापुर पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
वहीं, महाराष्ट्र के वरुद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, वरुद, मध्य प्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, छिंदवाड़ा और महाराष्ट्र के यवतमाल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, यवतमाल पर अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों में उल्लघंन को लेकर जुर्माना लगाया है. इसके अलावा कुछ केवाईसी प्रावधानों का पालन न करने पर छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा गुना के एक सहकारी बैंक और पणजी के गोवा राज्य सहकारी बैंक पर भी जुर्माना लगाया गया है.
पहले इन बैंकों पर लगा जुर्माना
इससे पहले जुलाई महीने में रिजर्व बैंक ने उत्तर प्रदेश के दो सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया था. बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत रिजर्व बैंक ने यह कार्रवाई की थी. जिन सहकारी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उनमें लखनऊ को-ऑपरेटिव बैंक और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीतापुर के नाम हैं. अगले आदेश तक इन दोनों बैंकों के ग्राहक अपने खाते से भी सीमित मात्रा में पैसे नहीं निकाल सकेंगे. रिजर्व बैंक ने दोनों बैकों के खिलाफ अगले 6 महीने के लिए पाबंदी लगाई है.
रिजर्व बैंक ने कार्रवाई के साथ ही एक बात साफ कर दी है कि इससे ग्राहकों के लेनदेन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बैंक और ग्राहकों के बीच जो एग्रीमेंट है, वह पहले की तरह बना रहेगा और उसमें किसी तरह की तब्दीली नहीं आएगी. जुर्माना के तहत बैंक को पैसा चुकाना होता है और उसके काम पर कोई फर्क नहीं आता. बैंक के साथ ग्राहकों के लेनदेन या खाता संबंधी कामकाज में कोई बदलाव नहीं होगा.