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Independence day : 750 युवा छात्राओं की मेहनत लाएगी रंग, ISRO की पहल से सपना होगा पूरा, अब अंतरिक्ष में फहराया जायेगा 'तिरंगा'...
नई दिल्ली, Independence day : 15 अगस्त 2022 को भारत अपना 75 वां वसर्षगाठ मानाने जा रहा है, और इस अवसर पर अंतरिक्ष में तिरंगा फहराया जाएगा. दरअसल 15 अगस्त 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत के स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के मौके पर अंतरिक्ष में तिरंगा …
नई दिल्ली, Independence day : 15 अगस्त 2022 को भारत अपना 75 वां वसर्षगाठ मानाने जा रहा है, और इस अवसर पर अंतरिक्ष में तिरंगा फहराया जाएगा. दरअसल 15 अगस्त 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत के स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के मौके पर अंतरिक्ष में तिरंगा फहराया जाएगा. स्पेस में झंडा फहराने के पीएम मोदी के वादे को पूरा करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 7 अगस्त को अपना सबसे छोटा कमर्शियल रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) लॉन्च करेगा, जो राष्ट्रीय ध्वज को भी अंतरिक्ष में ले जाएगा.
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हालांकि पीएम मोदी का वादा “राष्ट्रीय ध्वज को लेकर ‘गगनयान’ पर एक मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन शुरू करना था.” लेकिन इस परियोजना में देरी हुई है. हालांकि, इसरो का एसएसएलवी अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इसे 500 किलोग्राम से कम वजन वाले उपग्रहों और पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए विकसित किया गया था. 7 अगस्त को सुबह 9:18 बजे इस श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होगा.
‘भारत के सैटेलाइट मार्केट के लिए बड़ी कामयाबी’
आज़ादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के मद्देनजर एसएसएलवी में ‘आज़ादी सैट’ नामक एक सह-यात्री उपग्रह होगा, जिसमें देशभर के 75 ग्रामीण सरकारी स्कूलों की 750 युवा छात्राओं द्वारा निर्मित 75 पेलोड शामिल होंगे. इस परियोजना को विशेष रूप से 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह पर वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने और युवा लड़कियों को अंतरिक्ष अनुसंधान को अपने करियर के रूप में चुनने के लिए संकल्पित किया गया था.
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने नए उपग्रह को “गेम चेंजर” बताया है जो भारत के इमर्जिंग स्माल सैटेलाइट मार्केट में प्रवेश करने के सपनों को आगे बढ़ाएगा. ISRO के अधिकारियों ने News18 को बताया कि SSLV मिनी, माइक्रो और नैनो उपग्रहों (10-500 किलोग्राम द्रव्यमान) को 500 किमी प्लानर कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है. एसएसएलवी का उद्देश्य पेलोड इमेजिंग के साथ एक बेहतर और प्रैक्टिकल सैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना है. यह वानिकी, जल विज्ञान, कृषि, मिट्टी और तटीय अध्ययन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करेगा.