RBI Monetary Policy Meeting : RBI की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक शुरू, फेड के बाद अब केंद्रीय बैंक भी बढ़ा सकता है Repo Rate
नयी दिल्ली। RBI Monetary Policy Meeting भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हो गई जिसमें नीतिगत दरों में वृद्धि किये जाने की संभावना जतायी जा रही है। यदि फिर से इसमें बढोतरी की जाती है तो इससे उपभोक्ताओं के लिए घर , कार और अन्य ऋण अधिक महंगें हो जायेंगे।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की यह द्विमासिक बैठक पांच अगस्त तक चलेगी। बैठक में लिये जाने वाले निर्णयों की घोषणा पांच अगस्त को की जायेगी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास 5 अगस्त को इस बैठक के फैसलों का ऐलान करेंगे। रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में बढोतरी की उम्मीद की जा रही है और इसको काेरोना महामारी के पहले के स्तर पर ले जाने का अनुमान है।
रिजर्व बैंक ने इस वर्ष नीतिगत दरों में अब तक 0.90 प्रतिशत की बढोतरी कर चुका है और यह अभी भी कोरोना काल के पहले के स्तर से नीचे है। काेरोना महामारी से पहले यह दर 5.15 प्रतिशत पर थी। इस हिसाब से रिजर्व बैंक के पास अभी भी 0.25 प्रतिशत तक बढोतरी करने का पूरा मौका है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने एक शोध पत्र में कहा कि मौजूदा साल में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 225 आधार अंकों यानी 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसके आधार पर माना जा सकता है कि आरबीआई के पास अभी भी ब्याज दरें बढ़ाने के पूरे मौके हैं और इनका इस्तेमाल देश का केंद्रीय बैंक कर सकता है।
स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक रेपो दर में 0.25 फीसदी से 0.30 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने मई में 0.40 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी का इजाफा रेपो दर में कर चुका है। रेपो रेट फिलहाल 4.90 फीसदी पर है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में देश में बढ़ती महंगाई दर को लेकर चर्चा किये जाने की संभावना है। इसके साथ ही विकास को गति देने के साथ ही महंगाई को काबू में रखने पर भी विचार किया जा सकता है।