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Commonwealth Games : भारत के हाथ लग सकता है एक और गोल्ड, वेटलिफ्टिंग के 76 KG भारवर्ग में पूनम यादव का मुकाबला शुरू...

Sharda Kachhi
2 Aug 2022 9:19 AM GMT
Commonwealth Games
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नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में आज भारत के हाथ एक और गोल्ड लग सकता है, क्योंकि इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जा रहे 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन यानी आज भारतीय खिलाड़ियों को 9 मेडल मैचों में उतरना है. इनमें वेटलिफ्टर पूनम यादव भी खास हैं, जिनसे गोल्ड की …

Commonwealth Games

नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में आज भारत के हाथ एक और गोल्ड लग सकता है, क्योंकि इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जा रहे 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन यानी आज भारतीय खिलाड़ियों को 9 मेडल मैचों में उतरना है. इनमें वेटलिफ्टर पूनम यादव भी खास हैं, जिनसे गोल्ड की उम्मीद है.

पूनम ने 76 किग्रा इवेंट में हिस्सा लिया है. वह मैदान में उतर गई हैं और फाइनल मैच जारी है. पूनम ने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में गोल्ड मेडल जीता था. तब वह 69 किग्रा इवेंट में उतरी थीं. उससे पहले 2014 कॉमनवेल्थ में पूनम ने 63 किग्रा इवेंट में ब्रॉन्ज जीता था. वह 2015 कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में भी गोल्ड जीत चुकी हैं.

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रहुआ के दांदूपुर की रहने वाली वेटलिफ्टर पूनम यादव के परिवार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय का खिलाड़ी बनाने के लिए बड़ा संघर्ष किया है। पूनम के खेल को आगे बढ़ाने के लिए घर की भैंस भी बेचनी पड़ी। कई मदद लोगों से मदद भी लेनी पड़ी।

पांच बेटियों व दो बेटों के पिता कैलाश यादव बताते हैं कि खेल में बच्चों की रुचि शुरू से थी। उन्होंने कभी इसके लिए रोका नहीं बल्कि जहां तक संभव था प्रोत्साहित ही किया। पूनम चौथे नंबर की बेटी है। इसके साथ ही इससे बडी़ शशि और छोटी बेटी भी वेटलिफ्टिंग करती हैं। खेल के साथ उनकी डाइट का इंतजाम करना कैलाश के लिए काफी मुश्किल था। पूनम का खेल काफी अच्छा था इसलिए शशि ने अपने खेल को विराम देकर उसे आगे बढ़ाना तय किया।

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