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HEALTH

Monkeypox : असुरक्षित शारीरिक संबंध से फैलता है मंकीपॉक्स! जानें आखिर क्यों होता है ऐसा, क्या है लक्षण और इससे कैसे बचे...

Sharda Kachhi
28 July 2022 7:04 AM GMT
Monkeypox : असुरक्षित शारीरिक संबंध से फैलता है मंकीपॉक्स! जानें आखिर क्यों होता है ऐसा, क्या है लक्षण और इससे कैसे बचे...
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नई दिल्ली, monkeypox: जहां एक ओर कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रखा है वही इसी बीच अब एक और ववायरस ने दस्तक दे दी है. यह वायरस अब तक 75 देश में फ़ैल चुका है, और भारत में भी इसके केश मिलने शुरू हो गए. जिसको देखते हुए WHO ने …

Monkeypox

नई दिल्ली, monkeypox: जहां एक ओर कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रखा है वही इसी बीच अब एक और ववायरस ने दस्तक दे दी है. यह वायरस अब तक 75 देश में फ़ैल चुका है, और भारत में भी इसके केश मिलने शुरू हो गए. जिसको देखते हुए WHO ने इसे महामारी भी घोषित कर दिया है. यह वायरस चेचक/ चिकनपॉक्स की तरह दिखाई पड़ता है. मतलब कि मंकीपॉक्स वायरस स्मॉल पॉक्स का ही मेंबर है।

मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस संक्रमण दुर्लभ बीमारी है जो कि सबसे पहले साल 1958 में बंदरों में दिखा था। इसलिये इसे मंकीपॉक्स नाम मिला। सबसे पहला मामला इसका 1970 में आया था। इसकी पहचान लिम्फ नोड्स में आई सूजन है। चेचक होने पर शरीर में दाने होते हैं जो मंकीपॉक्स के भी लक्षण है , लेकिन इसमें लिम्फ नोड्स में सूजन नहीं आती।

भारत में मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला केरल के कोल्‍लम में आया है।जो विदेश से आए मरीज में पाया गया है। वैसे यह लाइलाज बीमारी नहीं है। WHO के मुताबिक मंकीपॉक्स वायरस से मृत्यु दर का अनुपात कम है। अभी 3- 6 प्रतिशत है।

मंकीपॉक्स का कारण और लक्षण

मंकीपॉक्स एक फैलने वाली बीमारी है यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फ़ैल सकती है। अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के पास जाता है तो यह फैल जाता है। यह चूहों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। WHO के अनुसार मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरस है, जिसका संक्रमण कुछ मामलों में गंभीर हो सकता है। इस वायरस के दो स्‍ट्रेन्‍स हैं- पहला कांगो स्ट्रेन और दूसरा पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन। मंकीपॉक्स के लक्षण में मरीज को गंभीर बुखार हो सकता है। बुखार के साथ मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी होती है। मंकीपॉक्स की गंभीर अवस्था में लिम्फ नोड्स में सूजन आने लगती है जो कि मंकीपॉक्स की सबसे बड़ी पहचान है। मंकीपॉक्स होने पर रोगी के शरीर में पांच दिनों के भीतर शरीर में चेचक यानि माता के निशान बनने लग जाते हैं ।

मंकीपॉक्स से बचाव ऐसे करें

• चिकित्सकों के अनुसार मंकीपॉक्स के मरीज के संपर्क में न आना चाहिए। ऐसे मरीजों को 21 दिन तक आइसोलेट रहना चाहिए।

• जानवरों के संपर्क में आने से बचें जिनसे यह फैलता है।

• संक्रमित लोगों से अलग रहना चाहिए।

• संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के संपर्क में आने के बाद हाथ की सफाई का ध्यान रखें, और हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।

यौन संबंध से फैलता है मंकी पॉक्स

शारीरिक संबंध से भी फ़ैल सकता है यह बीमारी

मुंबई एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस कर रही डॉक्टर नीरा सिंह के मुताबिक-यह बीमारी यौन संबंध से भी फैलता है । इसलिए ध्यान रखना चाहिए। यौन संबंध बनाते समय साथी में मंकीपॉक्स के लक्षण न हों। बता दें कि यह बीमारी छुआछूत और संक्रमण से फैलता है इसलिए सेक्स करने यानि शारीरिक संबंध बनाते समय मंकीपॉक्स होने की आशंका काफी ज्यादा रहती है। अगर कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है तो उसके सांस, छींकते, खासतें या अन्य किसी तरह से श्वसन कणों की बूंदों के संपर्क में आने से हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति या स्वास्थ्य कार्यकर्ता लंबे समय तक मंकीपॉक्स रोगी की देखरेख करता है तो उसे भी मंकीपॉक्स होने की आशंका होती है।

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