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Nag Panchami 2022 : शत्रु से पाना है छुटकारा तो इस नाग पंचमी जरूर करें यह काम, मिलेगा नाग देवता का आशीर्वाद...

Sharda Kachhi
27 July 2022 2:15 AM GMT
Nag Panchami 2022
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नई दिल्ली, Nag Panchami 2022 : हिन्दू धर्म में जिस प्रकार देवी-देवताओं की पूजा की जाती है उसी प्रकार नाग देवता की भी पूजा की जाती है, नाग देवता को हिन्दू धर्म में एक अलग ही स्थान दिया गया है, नाग देवता को शिव का प्रिय भी माना जाता है. यही कारण …

Nag Panchami 2022

नई दिल्ली, Nag Panchami 2022 : हिन्दू धर्म में जिस प्रकार देवी-देवताओं की पूजा की जाती है उसी प्रकार नाग देवता की भी पूजा की जाती है, नाग देवता को हिन्दू धर्म में एक अलग ही स्थान दिया गया है, नाग देवता को शिव का प्रिय भी माना जाता है. यही कारण है कि शास्त्रों मे नाग देवता की पूजा के बारे में न सिर्फ विस्तार से बताया गया है, बल्कि इसके लिए बकायदा एक शुभ दिन भी सुनिश्चित किया गया है. पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के पर्व के रूप में जाना जाता है. इस दिन सुख-सौभाग्य की कामना लिए महिलाए अपने भाई एवं परिवार के सदस्यों की रक्षा के लिए नाग देवता की विशेष रूप से पूजा करती हैं. आइए जानते है नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व के बारे में.

नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल नागपंचमी 02 अगस्त 2022 को तिथि पूरे दिन और पूरे रात रहेगी. इस दिन पंचमी तिथि प्रात:काल 05:43 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 03 अगस्त 2022 को सायंकाल 05:43 बजे तक रहेगी. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय प्रात:काल 05:43 बजे से लेकर 08:25 बजे तक रहेगा. इस तरह नाग पंचमी के दिन लगभग पौने तीन घंटे पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा. पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी के दिन शिव योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा जो कि अत्यंत ही शुभ है.

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नाग पंचमी की पूजा विधि

नाग पंचमी के दिन व्रत एवं पूजन करने के लिए श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सिर्फ एक बार भोजन करें और पंचमी के दिन विधि-विधान से पूजन करें. नाग पंचमी के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद नागपंचमी व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें. इसके बाद एक चौकी पर नाग देवता का चित्र या फिर मिट्टी या चांदी का नाग रखें. इसके बाद उन्हें दूध एवं जल से स्नान कराने के बाद पुष्प, हल्दी, रोली, अक्षत आदि से पूजा करें. इसके बाद नाग देवता को भोग के रूप में कच्चे दूध में चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें और उनके मंत्र का पाठ करें. सबसे अंत में नाग देवता की आरती करके सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मांगे.

नाग पंचमी का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व

हिंदू धर्म में नाग देवता की पूजा सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करने वाली मानी गई है. मानयता है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर व्यक्ति को शत्रुओं का भय नहीं रहता है और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि नाग देवता की पूजा से जहां व्यक्ति को जीवन में सर्पदंश का भय नहीं रहता है, वहीं कुंडली से जुड़ा कालसर्प दोष भी दूर होता है.

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