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Sawan Somvar 2022: सावन के दूसरे सोमवार में बन रहा शिव प्रदोष का शुभ संयोग, महादेव को प्रसन्न करने जरूर करें ये काम...

Sharda Kachhi
25 July 2022 2:04 AM GMT
Sawan Somvar
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नई दिल्ली, Sawan somvar 2022: आज सभी शिव भक्त सावन का दूसरा सोमवार मनाने जा रहे है, भक्त आज सुबह से ही शिव मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जायेंगे उनकी पूजा-पाठ करेंगे और उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करेंगे। वैसे तो सावन के सोमवार का व्रत तो लगभग सभी रखते हैं …

Sawan Somvar

नई दिल्ली, Sawan somvar 2022: आज सभी शिव भक्त सावन का दूसरा सोमवार मनाने जा रहे है, भक्त आज सुबह से ही शिव मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जायेंगे उनकी पूजा-पाठ करेंगे और उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करेंगे। वैसे तो सावन के सोमवार का व्रत तो लगभग सभी रखते हैं लेकिन प्रदोष व्रत कम लोग ही रखते हैं। 25 जुलाई को श्रावण मास का दूसरा सोमवार है और साथ ही इस दिन प्रदोष व्रत भी रहेगा। प्रदोष व्रत भी शिवजी को समर्पित है। यह शुभ संयोग बहुत दुर्लभ है। ऐसे में जानिए कि इस दिन क्या खास काम कर सकते हैं।

सावन का दूसरा सोमवार के योग-

-तिथि इस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी की तिथि यानी प्रदोष व्रत रहेगा और इसी दिन कामिका एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। द्वादशी शाम 04:15 तक रहेगी और उसके बाद त्रयोदशी प्रारंभ हो जाएगी।
-अभिजीत मुहूर्त:सुबह 11:38 से 12:31 PM
-सर्वार्थ सिद्धि योग : प्रात: 05:22 से रात्रि 01:06 तक।
-अमृत सिद्धि योग : प्रात: 05:22 से रात्रि 01:06 तक।

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1. सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई भी शुभ कार्य करेंगे तो आपको उसका शुभ फल प्राप्त होगा। शिवजी की पूजा करेंगे तो उनकी कृपा प्राप्त होगी। इस योग में मंत्र सिद्ध हो जाते हैं।

2. अमृत सिद्धि योग में गंगा स्नान, शिवजी और विष्णुजी की पूजा बहुत ही फलदायी रहती है। जातक अकाल मृत्यु से बच जाता है। साथ ही इस योग में दान पुण्‍य के कार्य करने का अक्षय फल प्राप्त होता है।

3. इस दूसरे सोमवा रको विधिवत व्रत रखकार भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी और सुख समृद्धि बढ़ेगी।

4. इस दिन व्रत रखकर एक समय ही भोजन करें। यदि पूर्णोपवस रख सके तो बेहतर है। दिनभर व्रत रखकर केवल एक ही बार नमकरहित भोजन ग्रहण करें। व्रत के दौरान फल का प्रयोग कर सकते हैं।

5. श्रावण में सफेद पुष्प, सफेद चंदन, अक्षत, पंचामृत, सुपारी, फल, गंगा जल अथवा सादे पानी से भगवान शिव-पार्वती का पूजन करें तथा पूजन के समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप निरंतर करते रहे।
6. इन दिनों शिव के मंत्रों, चालीसा, आरती, स्तुति, कथा आदि का अधिक से अधिक वाचन करें अथवा सुनें।

7. गरीबों को भोजन कराएं। यथाशक्ति दान करें।

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