Dangerous Virus: कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हैं मंकीपॉक्स, मारबर्ग, इबोला वायरस, तेजी से बढ़ रहे मामले, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट…
नई दिल्ली, Dangerous Virus: कोरोना एक बार फिर अपना तांडव मचा रहा है, दिन-ब-दिन इसके नए केस में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. लेकिन अब कोरोना के बीच एक या दो नहीं बल्कि तीन वायरस ने एंट्री ले ली है कोरोना के बाद मंकीपॉक्स वायरस भी अब तेजी से फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक,(WHO) दुनियाभर के 71 से ज्यादा देशों में इस वायरस के 9 हजार से ज्यादा केस आ चुके हैं. वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क इसे महामारी घोषित कर चुका है. मंकीपॉक्स में डेथ रेट भी कोरोना से ज्यादा है और ये सभी उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है. मंकीपॉक्स की अभी तक न तो कोई वैक्सीन है और न ही कोई निर्धारित इलाज. ऐसे में इस वायरस से आने वाले दिनों में गंभीर स्थिति होने की आशंका है.
कोरोना से ज्यादा खतरनाक है मंकीपॉक्स
महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि मंकीपॉक्स वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. क्योंकि ये स्किन टू स्किन टच के माध्यम से फैलता है. ये वायरस बच्चों को भी संक्रमित करता है. इसका टीका भी नहीं है और लक्षण भी 21 दिन तक बने रह सकते हैं. ऐसे में जल्द से जल्द मंकीपॉक्स की वैक्सीन के लिए काम शुरू करने की जरूरत है.
मारबर्ग के संक्रमितों की हो चुकी है मौत
कोरोना और मंकीपॉक्स वायरस के खतरे के बीच मारबर्ग वायरस ने भी दुनिया में दस्तक दे चुका. घाना में इस वायरस के दो संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई थी. दोनों ही मरीजों की कुछ दिन बाद मौत हो गई थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये वायरस कितना खतरनाक है. ये वायरस चमगादड़ों से फैलता है. इसके लक्षण भी अचानक दिखने शुरू हो जाते हैं. इसमें तेज बुखार और सिरदर्द होता है. कई मरीजों को ब्लीडिंग भी हो सकती है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मारबर्ग अलग दुनिया में फैलना शुरू हुआ तो लाखों लोगों की मौत हो सकती है और ये कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. इस वायरस के बारे में ये कहा जाता था कि यदि इसकी चपेट में कोई आ गया, तो उसकी मौत निश्चित है.
इबोला वायरस के भी बढ़ रहे मामले
इबोला वायरस के मामले भी सामने आते रहते हैं. इस वायरस की वैक्सीन मौजूद है, लेकिन ये भी एक खतरनाक वायरस है. भारत में कई साल पहले ही ये वायरस दस्तक दे चुका है. जिस हिसाब से दूसरे वायरस के केस बढ़ रहे हैं. ऐसे में इबोला का खतरा भी फिर से हो सकता है.