CG News : तिल्दा मे भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ हुई श्रीमद भागवत कथा..
तिल्दा। CG News मावली मंदिर प्रांगण में 18 से 26 जुलाई तक श्रीमद भागवत कथा आयोजन नायक परिवार द्वारा किया गया है। भागवत कथा के आचार्य पंडित नंदकुमार शर्मा निनवा वाले है। भागवत कथा के प्रथम दिन सोमवार को भव्य कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। आचार्य शर्मा ने कहा कि जन्म-जन्मांतर एवं युग-युगांतर में जब पुण्य का उदय होता है तब जीवमात्र को भागवत कथा श्रवण का सुअवसर प्राप्त होते हैं।
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उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही कट जाते हैं जीव के सारे पाप। व्यासपीठ से कथा का महत्व समझाते हुए आचार्य ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है। इसे सुनने से पापी से पापी व्यक्ति भी पाप से मुक्त हो जाता है। वेदों का सार युगों-युगों से मानव जाति तक पहुंचता रहा है। भागवत महापुराण यह उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है जो वेदों से प्रवाहित होती चली आ रही है। इसीलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है।
उन्होंने श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या करते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत अर्थात जो श्री से युक्त है, श्री अर्थात चौतन्य, सौंदर्य, ऐश्वर्या, भागवतः प्रोक्तम् इति भागवत भाव कि वो वाणी, जो कथा जो हमारे जड़वत जीवन में चौतन्यता का संचार करती है। जो हमारे जीवन को सुंदर बनाती है वो श्रीमद्भागवत कथा जो सिर्फ मृत्युलोक में ही संभव है। साथ ही यह एक ऐसी अमृत कथा है जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है इसलिए परीक्षित ने स्वर्ग अमृत के बजाए कथामृत का वरण किया।
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आगे आचार्य गोकर्ण महात्म्य की कथा सुनाते हुए कहा कि आत्मदेव ब्राह्मण का पुत्र धुंधुकारी, जो कि मरणोपरांत एक भयंकर प्रेत बन गया। जिनकी मुक्ति के लिए गोकर्ण जी ने भागवत कथा का आयोजन किया और भागवत कथा सुनने मात्र से उस भयंकर प्रेत की मुक्ति हो गई। आचार्य शर्मा ने कहा कि भागवत कथा ऐसी कथा है जिनके श्रवण मात्र से बड़े से बड़े पापी का भी उद्धार हो जाता। उन्होंने कहा कि भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा एक कल्पवृक्ष की भांति है जिनसे व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।