Special news: राजधानी में दो मूक बधिर की अनोखी शादी, दोनों बोल व सुन नहीं सकते, इसलिए पंडित के इशारे समझ कर लिए फेरे
रायपुर।एक मूक बधिर के लिए जीवन साथी ढूंढना उस समय मुश्किल हो जाता हैं जब वह बोल व सुन नहीं सकते हो। मंगलवार को समता कॉलोनी का गायत्री मंदिर में कोपलवाणी में ऐसे ही मूकबधिर छात्रा मीनाक्षी और दूल्हा दुर्ग निवासी लक्की श्रीवास्तव की अनोखी शादी हुई। खास बात यह रही दोनों मूक बधिर है। इस विवाह की विशेषता यह भी रही कि यहां डिस्पोजेबल जैसी किसी वस्तु का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इस बालिका की शादी अनेक सामाजिक संस्थाएं मिलकर कराया। दोनों दंपति के मूकबधिर होने से पंडित ने भी विवाह के दौरान आवश्यक निर्देश साइन लैंग्वेज में किए। इशारों से सारी बात बताई।
सामाजिक संस्था ने संभाली व्यवस्था
इस अंनोखे विवाह को यादगार बनाने के लिए शहर मे समाजसेवी सामने आए। कोपलवाणी की संस्थापक पद्मा शर्मा ने बताया शुरुआती दौर में ऐसा सोचा गया था कि मात्र 11 कपड़ों में हम मीनाक्षी को विदा कर पाएंगे, लेकिन रायपुर शहर में समाजसेवियों की सेवा भावना की वजह से मीनाक्षी को हर वह उपहार दिया जा रहा है, जो माता-पिता अपनी बेटी को देते हैं। इस विवाह में किसी संस्था ने भोजन की जिम्मेदारी ली है तो किसी संस्था ने बारातियों का स्वागत सत्कार की। किसी ने मंडप की व्यवस्था संभाली। इस तरह से सभी स्वयंसेवी संस्थाओं ने एक परिवार की तरह इस विवाह को संपन्न करने में अपनी भूमिका निभाई।
वरमाला वीरभद्रासन में
मीनाक्षी का कोई भी पारिवारिक सदस्य नहीं है, लेकिन विवाह में माता-पिता भाई-बहन, बड़ी मां, मौसी के रूप में समाजसेवी उपस्थित रहे। दूल्हा लक्की श्रीवास्तव है के पिता है मां नहीं है। पद्मा शर्मा ने बताया, मैं दुर्ग गई थी। वहां मंदिर के बाहर एक लड़का मुझे नारियल बेचते दिखा। मैंने उससे साइन लैंग्वेज में बातें की। बातचीत में लड़का शरीफ लगा। मैंने उससे शादी के बारे में पूछा। जब उसने इच्छा जताई तो मैंने मीनाक्षी के बारे में उसे बताया। इस तरह बात आगे बढ़ी और शादी पक्की हो गई।विवाह विश्व योग दिवस पर होने के कारण वरमाला वीरभद्रासन में डाला।
https://www.youtube.com/watch?v=RrlExZGQVmE