Gangrape: दरिंदों ने की हदें पार: शरीर को दांतो से काटा, सिगरेट से जलाया, गैंगरेप का ऐसा मामला की नर्से भी रो पड़ी…
गाजियाबाद: Gangrape आज हम उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) एक ऐसे गैंगरेप (gang rape) के बारे में आपको बताने जा रहे है जिसके बारे में पढ़ कर आपकी रूह कांप जाएगी एक युवती के साथ हैवानियत करने वाले दरिंदों के इतने खौफनाक थे। वह न सिर्फ उसका शरीर (Body) नोंचना चाहते थे, बल्कि गैंगरेप (gang rape) के बाद उसे बेचना भी चाहते थे। आरोपियों द्वारा संपर्क करने पर दो खरीदार भी आ गए, लेकिन युवती की हालत देख वह पीछे हट गए। आरोपी युवती को बेचने के लिए किसी और ग्राहक से संपर्क करते, लेकिन इससे पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
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वही पीड़ित युवती की मां का कहना है कि आरोपियों ने दो दिन तक उसकी बेटी (daughter) को जंगल में रखकर गैंगरेप किया और फिर एक आरोपी की बहन के घर ले जाकर दरिंदगी की। आरोपियों ने उनकी बेटी के शरीर को दांतों से बुरी तरह काटा और फिर बीड़ी-सिगरेट से उसे दागा भी। इसके बाद आरोपियों ने उनकी बेटी को बेचने की योजना बनाई। दो लोग उनकी बेटी को खरीदने आए थे।
आरोपियों ने उनसे दो लाख रुपये मांगे, लेकिन युवती की हालत इतनी नाजुक थी कि खरीदारों ने इनकार कर दिया।पीड़ित युवती ने बताया कि आरोपी पहले तो उसे बेचने की बात कर रहे थे, लेकिन जब खरीदारों ने इनकार कर दिया तो वह उसे मौत के घाट उतारने की बात करने लगे।
युवती की मां का कहना है कि आरोपियों ने उनकी बेटी के साथ इस कदर दरिंदगी की कि वह ढाई महीने बात भी शारीरिक कष्ट झेल रही है। दो-दो ऑपरेशन होने के चलते वह चलने-फिरने में भी असमर्थ है। उनका कहना है अस्पताल ले जाने पर उनकी बेटी की हालत देखकर नर्सें भी रो पड़ी थीं। साथ ही डॉक्टरों ने भी अफसोस जाहिर किया था।
पीड़ित युवती की मां का कहना है कि घटना का उनकी बेटी पर मानसिक असर पड़ा है। वह अस्पताल में उपचार के दौरान भी चीखती-चिल्लाती रहती थी। ढाई महीने बाद भी वह पागलों की तरह चीखने लगती है। सहमी हालत में वह कहती है कि वो लोग आ गए हैं। वो उसे मार डालेंगे। मां का कहना है कि बेटी की यह हालत देखकर वह और बेटे भी कोने में जाकर रोने लगते हैं। घटना के बाद से उनकी बेटी बदहवास हालत में रहती है।
आगे युवती की माँ ने कहा कि उन्होंने अपने जेवर व अन्य सामान बेचकर बेटी का इलाज कराया। पैसों के अभाव में वह बेटी को अस्पताल से घर ले आईं। लेकिन ढाई महीने बाद भी उसका रक्तस्राव बंद नहीं हुआ है। उनका कहना है कि कभी किसी से हजार तो किसी से 500 रुपये लेकर बेटी का इलाज करा रही हैं। इलाज में करीब दो लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। वह कर्जदार हो गई हैं। पीड़ित मां का कहना है कि डीएम ने उन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।
पीड़ित युवती का कहना है कि पुलिस उसे आधी रात को आधार कार्ड लेने के लिए नहीं भेजते तो वह दरिंदगी का शिकार नहीं होती। उसका कहना है कि दरिंदे उसकी हालत के दोषी हैं तो पुलिसकर्मी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। ढाई महीने बाद तीन पुलिसकर्मियों के निलंबित होने की बात सुनकर थोड़ी राहत मिली, लेकिन उनके जेल जाने के बाद ही उसे सुकून मिलेगा।