#saverahulabhiyan Update: राहुल के ब्लड में स्यूडोमोनास बैक्टीरिया का अटैक, कल्चर रिपोर्ट पॉजिटिव धड़कन 150 तक बढ़ी हुई लीवर और मसल्स पर असर हाथ पैर में भारी अकड़न…
जांजगीर- #saverahulabhiyan के पिहरीद गांव में बोरवेल के 60 फीट से निकलकर अपोलो अस्पताल पहुंच गया राहुल (RAHUL)अभी खतरे से बाहर नहीं है डॉक्टरों का कहना है कि राहुल का जीवन बचाने के लिए 80% रेस्क्यू तो कर लिया गया लेकिन 20 फ़ीसदी अभी बाकी है डॉक्टरों को उसके ब्लड में स्यूडोमोनास बैक्टीरिया मिला है कई घंटों कीचड़ में फंसे होने और पत्थर से रगड़ कर बने बैक्टीरिया उसके ब्लड में प्रवेश कर चुका है यह लगातार उसके अन्य अंगों में भी प्रभावित कर रहा है।
राहुल की ब्लड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है धड़कन 150 तक बढ़ी हुई है उसका इलाज कर रहे पीडियाट्रिशियन डॉक्टर सुशील कुमार का कहना है कि राहुल के ब्लड में शिव दो मोनस का मिलना घातक है फिलहाल इस बैक्टीरिया के संक्रमण ने उसके ब्लड लीवर और मसल्स को बुरी तरह से प्रभावित कर लिया है डॉक्टरों को डर है कि यह उसके अन्य अंगों को प्रभावित ना करें इसके लिए एंटीबायोटिक दवाई दी जा रही है दबाव का असर कितना हो रहा है या शुक्रवार की रिपोर्ट में ही पता चलेगा।

सक्रिय गड्ढे में फंसे होने के कारण हाथ पैर में आ गई अकड़न
राहुल को स्वास्थ्य करने में डॉक्टरों के साथ फिजियोथैरेपिस्ट की भूमिका अहम मानी जा रही है एक छोटे से गड्ढे में 104 घंटे रहने के कारण उसका शरीर और हाथ पैर पूरी तरह कर चुका है मसल्स इंजरी बिना फिजियोथैरेपिस्ट की टीम उसे लगातार फिजियोथैरेपी दे रही है राहुल के इलाज में अपोलो के दो शिशु रोग विशेषज्ञ विरोध कर रहे हैं इनमें डॉ सुशील कुमार और डॉ इंद्र मिश्रा मुख्य रूप से शामिल है।
जाने क्या है स्यूडोमोनास
स्यूडोमोनास शरीर के भीतर संक्रमण फैलाने वाला एक बैक्टीरिया है राहुल 4 दिनों तक गड्ढे में से शरीर बुरी तरह छिल चुका है इस लिए ही यह बैक्टीरिया बड़ी आसानी से उसके शरीर में प्रवेश कर लिया इससे उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई है ऐसे में कोई व्यक्ति अस्पताल में है या उसके प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो तो या गंभीर हो सकता है
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कल CM बघेल नें सुरक्षाकर्मियों का किया सम्मान
कल सीएम भूपेश बघेल ने राहुल साहू को बचाने में लगी सभी एनडीआरएफ एसडीआरएफ सहित अन्य टीमों को पुरस्कार दिया और उन्हें सम्मानित किया
NDRF की 34 सदस्य टीम लौटी हुआ स्वागत
बिलासपुर के जांजगीर-चांपा में राहुल साहू के 104 घंटे में रेस्क्यू ऑपरेशन में दुर्ग की NDRF यूनिट का अहम रोल अदा किया उनकी वापसी पर यहां जोरदार स्वागत किया गया स्पेशल चाइल्ड होने के कारण बोरवेल टेक्निक फेल हो गई थी इस वजह से राहुल को सुरक्षित बाहर निकालने में ज्यादा वक्त लग स्पेशल के दौरान सबसे बड़ा चैलेंज था
राहुल की सुरक्षा एनडीआरएफ की 34 सदस्य टीम ने राहुल को बाहर निकालने के लिए पहले मिट्टी काटे इसके बाद 20 फीट एक पैनल बनाया टनल के अंदर पत्थर को इस तरह से ब्लास्ट किया गया जिससे राहुल को किसी भी तरह की परेशानी ना हो तीन कमांडर महावीर मोहती के मुताबिक घटना होने के बाद शाम करें 5:45 में उन्हें सूचना मिल गई थी.