Ranji Trophy Controversy : रणजी ट्रॉफी में फिर हुआ विवाद, उत्तराखंड ने खाने पर किया इतना खर्च, जानकर चौक जाएंगे आप…
दिल्ली। Ranji Trophy Controversy क्रिकेट में आए दिन विवाद होते हैं। कभी अंपायर के गलत डिसीजन (decision) ने चलते तो कभी खिलाड़ियों के रवैये से मामला गरमा जाता हैं। वैसे देखा जाए तो रणजी ट्रॉफी में हर सीजन कुछ न कुछ बड़ा विवाद हो जाता हैं। रणजी ट्रॉफी का दूसरा क्वार्टरफाइनल मैच मुंबई (Mumbai) और उत्तराखंड (Uttarakhand) के बीच खेला गया। Ranji Trophy Controversy इस मुकाबले को 41 बार के चैंपियन मुंबई ने रिकॉर्ड 725 रनों से अपने नाम कर लिया। प्रथम श्रेणी (First class) क्रिकेट के 250 सालों के इतिहास में किसी टीम की रनों के लिहाज से यह सबसे बड़ी जीत थी।
Read More : Ranji Trophy : बंगाल की टीम ने रचा इतिहास, पहली बार नौ बल्लेबाजों ने बनाए 50+ रन, खेल मंत्री का भी रहा योगदान
मैच हारने के बाद उत्तराखंड की टीम एक विवाद में फंस गई। यह विवाद इतना बढ़ गया कि वहां के क्रिकेट एसोसिएशन को भी सफाई देनी पड़ी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड की टीम कागजों पर करोड़ों रुपये खर्च दिखाती है, लेकिन खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रूप में सिर्फ 100 रुपये देती है। Ranji Trophy Controversy खबर सामने आने के बाद Uttarakhand क्रिकेट ने सफाई और आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। Association ने खिलाड़ियों के खाने-पीने के खर्चे को सामने किया है, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे।
Association के मुताबिक खाने-पीने पर 1.74 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रूप में 49 लाख 58 हजार रुपये दिए गए। आश्चर्यजनक आंकड़े तो केले और पानी की बोतलों को लेकर सामने आए। Ranji Trophy Controversy मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केले खरीदने के लिए एसोसिएशन ने 35 लाख रुपये खर्च कर दिया। वहीं, पानी की बोतलों को खरीदने में 22 लाख रुपये लगे।
Read More : Ranji Trophy 2022: 19 वर्षीय यश ढुल ने बनाया नया रिकॉर्ड्स, डेब्यू मैच की दोनों पारियों में शतक लगाकर रचा इतिहास
Uttarakhand क्रिकेट में सिर्फ खर्चों को लेकर बवाल नहीं हुआ है। वहां से प्रशासनिक अनियमितताओं से संबंधित खबरें भी आई हैं। एसोसिएशन ने विज्ञप्ति जारी कर सबकुछ साफ किया। Ranji Trophy Controversy उसके मुताबिक, खिलाड़ियों को 2021-22 सीजन में 1250 और सपोर्ट स्टाफ को 1500 रुपये दैनिक भत्ते के रूप में दिए जाते हैं। बायो-बबल के कारण खिलाड़ी बाहर खाने नहीं जाते थे। उनके लिए होटल (hotel) में ही खाना मंगवाया गया। खिलाड़ियों के दैनिक भत्ते से ही इसका भुगतान किया।