Vat Savitri Vrat: पत्नियों ने रखा पति के लिए वट सावित्री व्रत, पर इन 3 अशुभ मुहूर्त में न करे पूजा, जानें कौन सा मुहूर्त है शुभ, कैसे करें पूजा…
Vat Savitri Vrat: Wives keep Vat Savitri fast for husband, but do not worship in these 3 inauspicious times, know which Muhurta is auspicious, how to worship...

नई दिल्ली: हर वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन शादीसुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। इस बार वट सावित्री व्रत के दिन काफी शुभ योग बन रहा है। इस साल इस व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ सिद्धि योग भी बन रहा है जो काफी शुभ माना जाता है। तो जानिए वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
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वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि प्रारंभ: 29 मई को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से शुरू
अमावस्या तिथि का समापन: 30 मई को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट से
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 07 बजकर 12 मिनट से 31 मई सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक

इस मुहूर्तो में बिलकुल न करें वट सावित्री की पूजा-
शास्त्रों राहुकाल, यमगण्ड, आडल योग, दुर्महूर्त और गुलिक काल में शुभ काम नही किए जाते है।
राहुकाल- सुबह 07:08 से 08:51
यमगण्ड- सुबह 10:35 से 12:19
दुर्मुहूर्त- दोपहर12:46 से 01:42
गुलिक काल- दोपहर 02:02 से 03:46
