नेशनल लोक अदालत : न्यायालय में लंबित 1 हजार 941 प्रकरणों का किया निराकरण
राजनांदगांव । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार नेशनल लोक अदालत का प्रारंभ राष्ट्रगान के साथ किया गया। नेशनल लोक अदालत का आयोजन मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
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जिसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से प्रकरण निराकृत किये गये। नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में प्रकरण निराकृत किए गए। इसके अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों का निराकरण किया गया।
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नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित 1 हजार 941 प्रकरण निराकरण किये गये तथा राजस्व एवं प्रीलिटिगेशन के कुल 6 हजार 64 प्रकरणों निराकरण किया गया। न्यायालयों में लंबित मामलों में सिविल प्रकरणों में कुल 14 प्रकरणों का, क्लेम के कुल 19 मामले, जिसमें कुल एवार्ड राशि 1 करोड़ 33 लाख 17 हजार रूपए पारित की गई। राजीनामा योग्य आपराधिक कुल 208 प्रकरणों का एवं पेटी अफेंस के कुल 1 हजार 383 मामलों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किया गया।
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न्यायालय जिला न्यायाधीश राजनांदगांव के न्यायालय में लंबित प्रभात विरूद्ध लक्ष्मीनारायण जो कि वर्ष 2021 से लंबित था, जो कि जमीन क्रय-विक्रय के संबंध का था। जिसका वाद मूल्य 80 लाख रूपए था। जिस पर 2 लाख 70 हजार 300 रूपए कोर्ट फीस वादी द्वारा अदा की गई थी। मामलें में वादी एवं प्रतिवादी के मध्य सुलह समझौता कराते हुए वाद का निराकरण किया गया। प्रतिवादी वाद भूमि को वादी के पक्ष में विक्रयनामा करने हेतु सहमत हुआ।
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इस तरह प्रकरण में राजीनामा के आधार पर डिक्री पारित की गई। वादी को कोर्ट फीस की राशि 2 लाख 70 हजार 300 रूपए वापस किए जाने का आदेश भी पारित किया गया।
