Indian Railway Rule: जानें क्या है चेन पुलिंग के नियम, यात्रा के दौरान न करें ये गलती…

 

Indian Railway Rule: भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है। रेल आम आदमी की एक ऐसी जरूरत है, जिसके 10 मिनट भी कहीं रुकने से कई जगहों पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

 

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तो ज़रा सोचिए कि अगर आपकी एक छोटी सी गलती की वजह से यह लाइफ लाइन प्रभावित हो जाए तो आप को कितनी समस्याओ का सामना करना पड़ा सकता है। दरअल ट्रेन में एक इमरजेंसी चेन (Emergency Alarm Chain) होती है, जिसे खींचने से ट्रेन रुक जाती है।

क्या है ये Emergency Alarm Chain?

आपातकालीन स्थिति में चलती ट्रेन को रोकने के लिए प्रत्येक बोगी में एक चेन (जंजीर) की सुविधा दी गई होती है, जिसे खींचने पर ट्रेन (Train) रूक जाती है। लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोग बिना किसी इमरजेंसी (emergency) के भी चेन खींच देते हैं। लोगों की यह अंजाने में की गई गलती पूरे रेल नेटवर्क (rail network) को प्रभावित करती है, इसलिए इसे रोकने के लिए कुछ कड़े नियम भी बनाए गए हैं।

 

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क्या है रेलवे का नियम?

रेलवे कहती है कि चेन को बिना किसी इमरजेंसी (emergency) के खींचना कानूनन अपराध है। इस नियम को तोड़ने पर आपको जुर्माना या सजा भी हो सकता है। रेलवे अधिनियम की धारा 141 (section 141) के तहत अगर कोई यात्री बिना किसी उचित कारण के अलार्म चेन को खींचता है, तो उस व्यक्ति को एक साल की जेल या 1,000 रुपये का जुर्माना, या फिर दोनों हो सकते हैं।

  • कब होता है चेन पुलिंग मान्य
  • जब कोई सहयात्री, जिसकी उम्र 60 साल से ज्यादा है या कोई बच्चा या दिव्यांग ट्रेन से छूट जाए।
  • ट्रेन में आग लगने की स्थिति में।
  • अगर किसी को अचानक स्ट्रोक या हार्ट अटैक आ जाए।
  • ट्रेन में चोरी या डकैती की घटना हो।

 

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ये बातें भी इम्पोर्टेन्ट

इतनी बात जानने के साथ यह सवाल उठती है कि आखिर चेन खींचने पर ट्रेन रुक कैसे जाती है? दरअसल, ट्रेन की चेन ट्रेन के मेन ब्रेक पाइप (Main Brake Pipe) से जुड़ी होती है। इन पाइपों के बीच हवा का दबाव बना रहता है, लेकिन चेन पुलिंग करते ही ये हवा बाहर निकल जाती है। हवा के दबाव में आई इस कमी के कारण ट्रेन की रफ्तार धीमी हो जाती है, जिसके बाद लोको पायलट (loco pilot) तीन बार हॉर्न बजाकर ट्रेन को रोक देता है। इस प्रोसेस में थोड़ा समय लगता है।

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