Chhattisgarh Politics : पार्टी में डॉ. रमन सिंह की दिनों-दिन घट रही साख!, पार्टी चुनाव में छत्तीसगढ़िया चेहरा पर आजमां सकती है दांव
महेन्द्र कुमार साहू/रायपुर। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में दिनों दिन कमजोर होते जा रही है। पार्टी की साख बचा पाने में बड़े लीडर असमर्थ साबित हो रहे हैं। यहीं स्थिति रही तो पार्टी विधानसभा चुनाव (assembly elections) मेें बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। प्रदेश में पिछले दो सालों से पार्टी लगातार हार का सामना कर रही है। जिसके बाद कार्यकर्ताओं के मनोबल (workers’ morale) भी गिरते जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं के मनोबल गिरने का प्रमुख कारण संगठन के नेताओं में आपसी तालमेल (synergy) की कमी को देखा जा रहा है।
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सूत्रों की मानें तो 15 साल तक सीएम रहने वाले डॉ. रमन सिंह अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होंगे। उन्हें पार्टी अब किनारा करने जा रही है। पार्षद से राजनीति की शुरूआत करने वाले डॉ. रमन सिंह को पार्टी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के टक्कर का नेता नहीं मान रही है। पार्टी के अंदरुनी सूत्रों की मानें भूपेश बघल का कद दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। जिसे पार्टी चुनावी दृष्टिकोण से नजरअंदाज नहीं कर सकती।
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सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को केन्द्रीय नेतृत्व दिल्ली बुलाने के फिराक में है। जिससे छत्तीसगढ़ का रास्ता नए छत्तीसगढ़िया चेहरा के लिए साफ हो सके। भारतीय जनता पार्टी अब प्रदेश में छत्तीसगढ़िया वर्सेस छत्तीसगढ़िया का दांव खेलना चाह रही है। हालांकि पार्टी के लिए यह रास्ता उतना आसान नहीं है। इस रास्ते में प्रदेश बीजेपी के बड़े नेता रोड़ा बनने का प्रयास अवश्य कर सकते हैं।
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सूत्रों की मानें तो प्रदेश में पिछले लंबे समय से लोगों को डॉ. रमन सिंह के बाद बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, सरोज पाण्डे व प्रेमप्रकाश पाण्डेय जैसे बड़े नेताओं के दावेदारी की उम्मीद बंधी हुई थी। जिस पर अब पानी फिरता नजर रहा है। प्रदेश में हुए 2003 विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद पार्टी ने डॉ. रमन सिंह का पैराशूट लैंडिंग कराया था। जिसका पार्टी में फिर उम्मीद दिख रही है।पिछले कुछ समय से छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया कल्चर क्रिएट हो रहा है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी किसी छत्तीसगढ़िया चेहरा पर दांव खेल सकती है। इससे छत्तीसगढ़िया वर्सेस छत्तीसगढ़िया का रास्ता साफ हो सकता है।
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सूत्रों की मानें तो पिछले ऐन चुनाव के समय में राष्ट्रीय नेताओं के समक्ष पार्टी प्रवेश करने वाले रायपुर कलेक्टर रहे ओपी चौधरी भाजपा के छत्तीसगढ़िया चेहरा हो सकते हैं। इनका पार्टी प्रवेश ऐसे समय में हुआ था, जब चुनाव सर पर था। कयास लगाए जा रहे थे। चुनाव जितने पर इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं छत्तीसगढ़िया चेहरा के रूप में विजय बघेल के नाम पर भी कयास लगाये जा रहे हैं।
