चलती ट्रेन में गूंजी किलकारी, प्रेग्नेंट महिला ने दिया बच्चे को जन्म, रास्ते में मिल गई खुशी
हैदराबाद : सोशल मीडिया (Social Media) पर एक फोटो वायरल हो रही है। यह फोटो एक महिला की है जिसमें उसके साथ उसका नवजात बच्चा दिखाई दे रहा है। खबरों की मानें तो महिला बेंगलुरु से लखनऊ जा रही यशवंतपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Yaswantpur Superfast express) में सफर कर रही थी। इसी दौरान जैसे ही ट्रेन ने विजयवाड़ा (Vijaywada) पार किया तभी उसे लेबर पेन होना शुरू हो गया। घटना गुरूवार की है।
मिली जानकारी के अनुसार महिला बेंगलुरू से लखनऊ (Bengaluru to Lucknow) जा रही यशवंतपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने परिवार वालों के साथ लखनऊ जा रही थी। वे रिजर्वेशन बोगी में यात्रा कर रही थी। अचानक गर्भवती महिला को लेबर पेन होना शुरू हो गया। महिला के साथ मौजूद उसके परिवार वाले घबरा गए। इस दौरान उन्होंने ड्यूटी पर तैनात एक कॉन्स्टेबल को इस बात की जानकारी दी। इसके बाद उसने रेलवे अटेंडेंट के जरिए नजदीकी खम्मम स्टेशन के स्टेशन मास्टर को मामले की गंभीरता के बारे में बताया।
अब स्टेशन मास्टर के सामने दिक्कत यह थी कि जिस ट्रेन से उसे यह जानकारी मिली उसका स्टापेज खम्मम में नहीं है। हालांकि, जैसे ही इस मामले की जानकारी रेलवे के अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए फौरन महिला के इलाज के लिए सारे इंतजाम करने के निर्देश दे दिए। सबसे अच्छी बात यह है कि मामले का पता चलते ही 108 एंबुलेंस स्टेशन पर आकर खड़ी हो गई। एंबुलेंस में एक सरकारी डॉक्टर भी थे। खम्मम स्टेशन पर ट्रेन रूकते ही महिला को एंबुलेंस से एक सरकारी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। यहां महिला ने एक बेटे को जन्म दिया है। महिला और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। महिला के परिवार ने रेलवे अधिकारियों का धन्यवाद किया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल ट्रेन में सफर करने वाली महिला नेपाल के काठमांडू के पास डेलीक गांव की रहने वाली है। उसकी पहचान माडा हनीता देवी के रूप में हुई है। महिला के पति पति भरत बैंगलोर में एक कंपनी में सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करते थे। कुछ दिन पहले उन्हें दुबई में एक अच्छी नौकरी मिल गई और वो चले गए। हालांकि इसी बीच पता चला कि भरत की पत्नी गर्भवती है तो उसने अपने परिवार वालों की मदद से अपने देश ले जाने की व्यवस्था की। इस दौरान महिला और उसके साथ मौजूद लोगो का प्लान यह था कि काफी लंबी यात्रा हो जाएगी। इस वजह से उन्होंने लखनऊ में रह रहे एक रिश्तेदार के यहां एक दो दिन रूककर घर लौटने का प्लान बनाया था। दरअसल डॉक्टरों ने बताया कि अभी महिला के डिलिवरी कुछ दिन बाकी है लिहाजा वे अभी उसे घर ले जा सकते है। डॉक्टरों की बात पर महिला के रिश्तेदार उसे यशवंतपुर ट्रेन से लखनऊ ले जा रहे थे।
कैसे सब हो पाया संभव
दरअल ट्रेन में सफर करने वाले परिवार को तेलुगु भाषा नहीं आती थी। हालांकि अगली बोगी में मौजूद कुछ लोगों ने महिला को देखेते ही हालात की गंभीरता को समझ लिया। इसके बाद इसकी जानकारी रेलवे कर्मचारियों (Railway employees) को दी गई। जवाब में आरपीएफ कॉन्स्टेबल ने खम्मम में आरपीएफ सीआई मधुसूदन को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने तुरंत जवाब दिया और खम्मम सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया गया। 108 एंबुलेंस तैयार की गई। ट्रेन को रोकने की अनुमति तब दी गई जब स्टेशन अधीक्षक को इस मामले की सूचना दी गई। हनीता देवी, जो एक तरफ गर्भवती थी, को फौरन एंबुलेंस (Ambulances) से हॉस्पिटल (Hospital) लाया गया। महिला को एंबुलेंस से सीधे सरकारी अस्पताल में लेबर वार्ड में एडमिट करा दिया गया। अस्पताल ले जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर, महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। आधी रात के बाद, डॉ. कृपा उषाश्री, ने डॉ. हासमी के साथ मिलकर महिला का बेहतर इलाज किया।
अस्पताल के अधिकारियों डॉ. बी. वेंकटेश्वरलू और डॉ. बोलिक्कोंडा श्रीनिवास राव ने कर्मचारियों को खम्मम में एक नेपाली गर्भवती महिला के लिए इस सार्थक प्रयास के लिए बधाई दी। शिशु और नर्सिंग मां के लिए केसीआर किट प्रदान की। महिला के साथ में मौजूद पांच अन्य लोगों के लिए भोजन और आवास की भी व्यवस्था की गई थी। इसके बाद महिला और उसके रिश्तेदारों के साथ एक जवान को भी रखा गया है अच्छी बात यह है कि जिस गार्ड को उनके साथ तैनात किया गया है वह नेपाल की भाषा भी जानता है।
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