प्याज मंड़ी में लोकतंत्र का सौदा, सरपंच पद के लिए नीलामी, इतने करोड़ में बीका
नासिकः महाराष्ट्र के 34 जिलों के 14 हजार 234 ग्राम पंचायतों में शुक्रवार को चुनाव होना है। 15 जनवरी को होने वाले पंचायत चुनाव से पहले ही चुनाव आयोग को ऐसी शिकायत मिली है कि कुछ ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए बोली लगाई जा रही है। एक गांव में सरपंच का पद 2 करोड़ में बिका तो दूसरे में 42 लाख रुपए तक की बोली लगी। सरपंच पद की नीलामी का मामला संज्ञान में आने के बाद अब राज्य चुनाव आयुक्त ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब करते हुए दो ग्राम पंचायतों को चुनाव रद्द करने का फैसला किया है।
ये मामले नासिक जिले के उमरेन और नांदुरबर जिले के कोंडामाली गांव से सामने आए हैं। राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, श्श्सरपंच और ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए उमरेन और कोंडामाली गांव में नीलामी को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स आई हैं। तहसीलदार, एसडीओ, चुनाव पर्यवेक्षक, और कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी गई थी। शिकायतों के सत्यापन, और रिपोर्ट्स और मीडिया रिपोर्ट्स के बाद प्रक्रिया को रद्द करे का फैसला लिया गया है।
चुनाव आयुक्त ने दोनों जिलों के कलेक्टर्स को आदेश दिया है कि नीलामी में शामिल लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए और आयोग के सामने रिपोर्ट दी जाए। मदन ने कहा कि गांव के कुछ लोगों की वजह से चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग उम्मीदवार नहीं बन सके और वोटर्स को अपने पंसद के उम्मीदवारों को वोट डालने से वंचित किया गया। यह लोकतंत्र के मूल और आचार संहिता का उल्लंघन है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दिख रहा है कि उमरेन के प्याज मार्केट में कुछ लोग सरपंच पद के लिए बोली लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि घटना 27 दिसंबर की है। 1.1 करोड़ रुपए से नीलामी शुरू हुई और अधिकतम बोली 2 करोड़ की लगी।
एक अन्य वीडियो कोंडामाली से भी सामने आया जहां सरपंच पद के लिए 42 लाख रुपए की बोली लगी। यह रकम मंदिर निर्माण के लिए देने की बात कही गई थी। नासिक के कलेक्टर नितिन गावंडे ने आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है और फिर से यहां चुनावी प्रक्रिया का ऐलान किया जाएगा।
ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, सरपंच पद के लिए 2 करोड़ की बोली लग रही है। अनुच्छेद 14 सभी को ष्समानता का अधिकारष् देता है! लेकिन अमीर लोगों को यहां प्राथमिकता मिल रही है। यह स्पष्ट है कि जो 2 करोड़ रुपये का भुगतान करता है, वह भ्रष्टाचार से 10 गुना कमाएगा। लोकतंत्र का क्रूर मजाक जारी है।श्श्