डाकपाल ने लाखों रूपये का किया गबन, ग्रामीणों ने किया पोस्ट ऑफिस का घेराव
राजनांदगांव : चिटफंड कंपनियों के जाल में फंस कर लोगों के गाढ़ी कमाई लुटाने के कई मामले सामने आए हैं जिससे ग्रामीण सबक भी ले रहे हैं चिटफंड कंपनियों के जाल में ना फंसे हुए धन गांव के ग्रामीणों ने अपनी गाढ़ी कमाई शासकीय पोस्ट ऑफिस में जमा कराई थी लेकिन यहां भी उन्हें धोखा ही मिला और धन गांव के लोगों ने अपना धन गंवा दिया।
दरअसल, अपने भविष्य के लिए धन संचय के उद्देश्य से धनगांव क्षेत्र के लोगों ने शासन की विभिन्न योजनाओं और अल्प बचत को लेकर गांव के पोस्ट ऑफिस में अपने रुपए जमा कराए थे। इन रूपयों को शाखा डाकपाल मनोज तारमें के द्वारा गबन किए जाने का मामला सामने आया है। आज बड़ी संख्या में ग्राम धनगांव के ग्रामीण पोस्ट ऑफिस की मुख्य शाखा पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पोस्ट ऑफिस पर भरोसा करके उन्होंने अपने रुपए जमा कराए थे। धनगांव के नंदकिशोर ने कहा कि वे केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अपनी पुत्री के नाम से रुपए जमा करा रहे थे, जब पोस्ट ऑफिस की शाखा में जाते थे तब शाखा डाकपाल के द्वारा सरवर डाउन होने का हवाला दिया जाता था। वहीं शाखा डाकपाल मनोज तारमें ने उनका पासबुक भी एंट्री के नाम से जमा कर लिया है। इसी तरह गांव के कई ग्रामीणों का पासबुक उसने एंट्री के नाम से अपने पास ही रख लिया है। ऐसे में ग्रामीण अब अपने ने रुपयों को वापस पाने भटक रहे हैं।
धानगांव शाखा डाकपाल मनोज तारमें के द्वारा खाताधारकों के खाते में रुपए जमा किए गए हैं या नहीं इसकी जानकारी भी अब तक नहीं मिली है, लेकिन गांव के लगभग चार-पांच सौ खातों से लाखों रुपए का गबन किए जाने का मामला स्पष्ट नजर आता है। मामले की शिकायत मिलने पर बीते 14 अक्टूबर को मुख्य डाकघर के द्वारा मामले की जांच करने टीम भेजी गई थी। जिसमें रुपए गबन का मामला सामने आते ही शाखा डाकपाल को बर्खास्त कर दिया गया था।
इस मामले में मुख्य डाकघर के सहायक अधीक्षक हरिनारायण शर्मा का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और खाताधारकों से भी जानकारी मांगी गई है। खातेदार से गबन का मामला होने पर विभाग इसकी क्षतिपूर्ति करेगा।धनगांव क्षेत्र के लगभग 3 से 4 सौ लोगों ने कई वर्षों से अपनी छोटी-छोटी आवश्यकताओं को दरकिनार कर अपने भविष्य के लिए धन संचय किया था। उनके खाते में कितने रुपए हैं इस बात की जानकारी भी खाताधारकों को नहीं है, क्योंकि कई माह पूर्व ही अधिकांश लोगों के पासबुक शाखा डाकपाल ने ही अपने पास रख लिया है। खाता धारक जब पैसे जमा करने जाथे थे तब पैसे ले लिए जाते थे लेकिन सर्वर डाउन होने का हवाला देकर शाखा डाकपाल खातों में इंट्री नहीं करता था। ऐसे में विभाग अब इन सभी खातों की जानकारी जुटा रहा है। खाते में एंट्री नहीं होने से खाताधारकों को क्षतिपूर्ति का मिलना भी मुश्किल दिखाई देता है।