सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने जलाई कृषि कानूनों को प्रतियां, गणतंत्र दिवस को लेकर कही ये बात…
नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमा पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। किसान कृषि बिल को रद्द करने की मांग को लेकर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे है। इसी कड़ी में किसानों ने बुधवार की शाम को कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई। इसके साथ ही किसानों ने देश भर के किसानों को इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने का पुनः जोर दिया। किसान संघर्ष समन्वय समिति ने जारी बयान में बताया कि किसान आन्दोलन के सभी पहलुओं को तेज करने की तैयारी है। किसान संगठनों ने दिल्ली के पास के सभी जिलों से दिल्ली में गणतंत्र दिवस किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारी करने का आह्नान किया है।
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भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता के राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में कोई देश विरोधी बातें कर रहा है तो सरकार उसे गिरफ़्तार करे। कृषि क़ानून कैसे ख़त्म हो सरकार इस पर काम करे। सरकार ने 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर बैन लगाया है तो हम 10 साल पुराने ट्रैक्टर को दिल्ली की सड़कों पर चला कर दिखाएंगे।
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आपको बता दें कि मोदी सरकार की ओर से पास किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। इसके साथ ही इस मसले को सुलझाने के लिए अब कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी में कुल 4 लोग शामिल होंगे। यह कमेटी मामले की मध्यस्थता नहीं, बल्कि समाधान निकालने का प्रयास करेगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के जोशी शामिल हैं। ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट को सीधे अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक जारी रहेगी।