सिंध के बलूचिस्तान में प्रताड़ना का दौरः हिंदू टीचर का धर्मांतरण करने के बाद नाम रखा आयशा, आरोपी के खिलाफ 117 मामले दर्ज लेकिन नहीं होती कार्रवाई
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय की युवतियों पर अत्याचार हो रहे हैं। धर्म परिवर्तन करने का मामला कम हो नहीं रहा है। इस मामले में शिकायत के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हाल ही में सिंध प्रांत के बलूचिस्तान में हिंदू महिला अध्यापिका का जबरन धर्मांतरण करवा दिया गया है। खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि युवती का नाम बदलकर एकता से आयशा कर दिया गया। इस मामले में प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी चुप्पी साध रखी है। लेकिन अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाली संस्था वॉइस ऑफ माइनॉरिटी ने इस घटना पर चिंता जाहिर की है।
संस्था ने कहा कि पाकिस्तान में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाना बहुत सामान्य हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि पाकिस्तान के झंडे से सफेद रंग बिल्कुल गायब हो जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान में सफेद रंग अल्पसंख्यकों को दर्शाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मियां मिट्ठू नाम के शख्स ने सिंध प्रांत में खई अल्पसंख्यक लड़कियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया है। पिछले दिनों इसी शख्स ने कविता कुमारी नाम की एक लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर इस्लाम कबूल करवाया था।
इसके अलावा 2019 में महक केसवानीए दो नाबालिग बहनों रवीना और रीना का अपहरण करवाकर उन्हें इस्लाम कबूल करवाया था। मियां के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के अब तक 117 मामले दर्ज हो चुके हैं लेकिन आज तक किसी भी मामले को लेकर नहीं हुई है।
हर साल एक हजार लड़कियों का धर्म परिवर्तन
अमेरिकी न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिकए पाकिस्तान में हर साल 1ए000 लड़कियों को जबरन मुसलमान बनाया जा रहा है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि लॉकडाउन में धर्म परिवर्तन की घटनाएं ज्यादा बढ़ीं। लड़कियों की तस्करी करने वाले अब इंटरनेट पर सक्रिय हैं।