मनरेगा में गड़बड़ी: गरीब ग्रामीणों को मिलना था रोजगार, लेकिन जिम्मेदारों ने करा दिया बड़ी गाड़ियों और मशीनों से काम
बीजापुर/गुप्तेश्वर जोशी। जहां सीएम के स्वागत के लिए मुख्यालय को जिला प्रशासन ने दुल्हन की तरह सजाया है। वही कांग्रेस की सरकार में जिले के विधायक और जनप्रतिनिधि भी मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।
लेकिन यह तैयारी सिर्फ जिला मुख्यालय तक सीमित हो चुकी है।हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि जिला मुख्यालय से 30 किमी की दूरी पर उसूर तहसील के आवापल्ली ग्राम पंचायत के गुल्लावांगु गांव में मनरेगा योजना के तहत जनपद पंचायत विभाग द्वारा 20 लाख के तालाब का निर्माण किया जा रहा है।
योजना के तहत इस गांव के ग्रामीणों से तालाब खुदाई और तालाब के मेड़ बंधान का काम करवाया जाना था जिससे गांव बेरोजगारो को रोजगार मिलता लेकिन विडंबना ये है कि ग्रामीणों का रोजगार छीनते हुए जिम्मेदारों ने इस तालाब का काम बड़ी -बड़ी गाड़ियों और मशीनों से करवा दिया। जिससे कि गोल्लावांगु गांव के ग्रामीण अपने को ठगा महसूस कर रहे है और दूसरे राज्य में रोजगार तलाश की बात कह रहे है।
गुल्लावांगु के ग्रामीण कुंजाम भीमा, सोनू कुंजाम ने बताया कि हम तालाब खुदाई और मेड बधान का कार्य के लिए हम खुश थे हमे लगा कि इस तालाब के निर्माण से हमे रोजगार मिलेगा और इस कार्य जो मेहताना हमे मिलता तो हम अपने परिवार का भरण पोषण कर पाते लेकिन सरपंच -सचिव ने यह कार्य बड़ी बड़ी गाड़ियों से करवा दिया।
हमने इस तालाब में महज 6 दिन काम किया बाकी पूरा कार्य गाड़ियों से करा दिया जिससे कि हमारा रोजगार हमसे छीन गया और अब तक 6 दिन जो हमने कार्य किया उसका भी हमें भुगतान नहीं हो पाया है।
इनका ये है कहना
जब इस संबंध में कांग्रेस के नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम व जनपद पंचायत उसूर के सीईओ एस बी गौतम से पत्रकारों ने चर्चा करनी चाही तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी कहने से बचते नजर आए और उन्होंने कहा कि सीएम प्रवास से पहले मैं कुछ भी नहीं कह पाऊंगा करके अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
इसकी जानकारी मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला है। मनरेगा के कार्य में अगर गड़बड़ी हुई है और नियम के विरुद्ध कार्य हुआ है तो मैं इसकी जांच करवाकर संबधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ऊपर कार्यवाही करूंगा।
– रितेश अग्रवाल, कलेक्टर
कांग्रेस की सरकार में पंचायतों का छीना जा रहा हक
महेश गागड़ा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है। सीएम जिला मुख्यालय आ रहे है जिस वजह से छोटे दुकानदारों की दुकानों को हटा दिया गया और उनकी रोजी रोटी छीन ली गई और कांग्रेस की सरकार में पंचायतों का हक छीना जा रहा है और गरीब ग्रामीणों का हक भी छीना जा रहा है। 14वें वित्त की राशि का भी बंदरबांट किया जा रहा है। जिस वजह से मजबूर ग्रामीण रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेश जाने को मजबूर हो रहे है।
-महेश गागड़ा, पूर्व वनमंत्री