राजनांदगांव: जिला प्रशासन में अफसरशाही हावी, आमजनों और मीडिया कर्मियों के फोन रिसीव नहीं करते अधिकारी

राजनांदगांव, जितेंद्र जैन जीतू। जिला प्रशासन में महत्व पूर्ण पदों पर जिम्मेदारी सम्हाल रहे जिले के अधिकारियों की फोन नहीं उठाने की बीमारी ने अब महामारी का रूप ले लिया है। राजनांदगांव के एस डी एम,जिले के खनिज अधिकारी, आबकारी विभाग के ऐ सी,खाध विभाग के फूड आफिसर, पशु चिकित्सा विभाग के प्रमुख, जिला शिक्षा अधिकारी सहित बहुत से विभागों के प्रमुख अधिकारी लोगों का फोन रिसीव नहीं करते जिसके चलते आम जनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।
जिले में इस परम्परा की शुरूआत जिले के पूर्व कलेक्टर जेपी मौर्य जी के आने के बाद शुरू हुई थी। वो खुद आम जनता और पत्रकार बन्धुओं का फोन नहीं उठाते थे। जिसका अनुशरण उनके मातहत अधिकारी कर्मचारियों ने भी करना शुरू कर दिया। फोन नहीं उठाने की वजह पूछने पर वो कहते हैं कि काम की व्यस्तता के चलते हम लोगों का फोन नहीं उठा पाते हैं।

जिले के मुखिया और अन्य अधिकारियों के इस तरह के जवाब से जनता ये सोचने पर मजबूर हो जाती हैं कि क्या पहले वाले कलेक्टर महोदय अपने दफ्तर में खाली बैठा करते थे क्या? या पहले वाले एस डी एम साहेब के पास बिल्कुल भी काम नहीं रहता था क्या…? क्या वो आफिस में खाली कुर्सी तोड़ते बैठे रहते थे क्या?।
जिला मुख्यालय में अफसरशाही अभी भी खत्म नहीं
वर्तमान कलेक्टर टीके वर्मा जो कि बेहद सरल और मिलनसार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। कलेक्टर वर्मा जी व्यस्तता के बावजूद भी जिले की जनता और सभी पत्रकार बन्धुओं का फोन रिसीव करते हैं।और व्यस्त रहने की स्थिति में वो बाद में सम्बंधित व्यक्ति को काल बेक करके उनसे बात करते हैं।
लेकिन उनके सम्बंधित अधिकारियों की कार्य शैली में अभी भी कोई बदलाब नहीं आया है। अभी भी कोई अधिकारी फोन रिसीव नहीं करते।प्रशासन को चाहिये कि ऐसे अधिकारियों को जो महत्वपूर्ण पदों पर बैठे कर आमजनता और मीडिया को नजर अंदाज कर रहे हैं।उन्हें तत्काल हटाकर अच्छे अधिकारियों को वहाँ कार्य करने का मौका दे। जिससे आम जनमानस के बीच प्रशासन की छवि अच्छी होगी।