कस्टोडिलय डेथ और जटिल प्रकरणों के अन्वेषण पर दिया गया व्याख्यान

राज्य पुलिस अकादमी चंदखुरी में आज मानव अधिकार विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण अशोक जुनेजा द्वारा किया गया। कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर जुनेजा ने प्रतिभागियों को मानव अधिकार के संबंध में नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन की गाइड लाइन तथा कस्टोडियल डेथ एवं रेप के दौरान अन्वेषण अधिकारी को ध्यान रखी जाने वाली आवश्यक सावधानी के संबंध में जानकारी प्रदान की। इसके साथ ही प्रथम सूचना पत्र एवं अभियोग पत्र तैयार करते समय अन्वेषण अधिकारी के द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में भी जानकारी प्रदान की।
उमेश उपाध्याय सचिव जेएमएफसी द्वारा पीडि़त के लिए मुआवजा, पुनर्वास और कानूनी सहायता, बंधुआ मजदूर मुद्दे, बंधुआ श्रम प्रणाली उन्मूलन अधिनियम 1976, बाल श्रम के मुद्दे और बाल श्रम, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989, सिविल लिबर्टीज एक्ट 1988, वन अधिकार अधिनियम तथा मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। सेवानिवृत्त एडीजी आनंद तिवारी ने मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 एनएचआरसी-एसएचआरसी की संरचना एवं कार्य प्रणाली के संबंध में प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी प्रदान की।

क.े के. गुप्ता डीआईजी जेल द्वारा जेल से संबंधित जानकारी देते हुए अंडर ट्रायल कैदियों के अधिकार छूट एवं पैरोल मुद्दों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। विशेष महानिदेशक आर. के. विज ने इस कार्यशाला में हिरासत में हिंसा पुलिस कार्यवाही में मौत गिरफ्तारी के दिशा-निर्देश मानव अधिकार के अंतर्गत पुलिस अधिकारियों द्वारा उठाए जाने वाले आवश्यक कदम के संबंध में अपने अनुभव साझा किया। कस्टोडियल डेथ पर पैनल डिस्कशन में स्टेट चीफ हिंदुस्तान टाइम्स भी शामिल हुए। कार्यशाला में अकादमी के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संगीता पीटर्स, रामाशंकर द्विवेदी, सचिंद्र चौबे एवं समस्त अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

Back to top button